Shree Anna Yojana : हरियाणा सरकार लेने जा रही है बड़ा फैसला, बाजरे की फसल के लिए उठाएं जाएंगे बड़े कदम

चंडीगढ़ : केंद्र सरकार ने मोटे अनाजों को प्रोत्साहन देने के लिए वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य लोगों में मोटे अनाज के प्रति जागरूकता फैलाना है। 

हरियाणा सरकार केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई श्री अन्न योजना को प्रोत्साहित करने के लिए संभावनाएं तलाश रही है। हरियाणा सरकार ऐसी लघु, सूक्ष्म और मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहित करेगी जो बाजरे की फसल की कटाई के बाद उसके प्रबंधन, प्रसंस्करण और ब्रार्डिंग को बढ़ावा दें, वहीं सरकार लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योगो को ऋण उपलब्ध कराने में मदद करेंगी।


मोटे अनाज के प्रति सरकार फैला रही जागरूकता 

एक फरवरी 2023 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय श्री अन्न योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मोटे अनाज और उसकी खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है। प्रारंभ में अन्य सरकारे बाजरे की खेती को प्रोत्साहित करने की हक में नहीं थी, क्योंकि हरियाणा में बिकने के लिए बाजरा राजस्थान से आता था। 

राजस्थान मे बाजरे का एमएसपी (MSP) निर्धारित नहीं होता। जबकि राज्य में बाजरे की फसल की खरीद 2,350 रुपए प्रति क्विंटल तक रही है। इसके अलावा सीएम मनोहर लाल ने किसानों को फसलों की भरपाई करने के लिए भावांतर भरपाई योजना की शुरुआत की हुई है। समय के साथ- साथ बाजरे से बनी खिचड़ी, बिस्किट और नमकीन की मांग बढ़ती जा रही है

मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभकारी  

इस योजना के अंतर्गत 2,350 रूपये क्विंटल से कम पर बाजरे की बिक्री होती है तो सरकार इस स्कीम के तहत 450 रूपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को अनुदान राशि प्रदान करती है। वर्ष 2023 के बजट में बाजरे के लिए एक बाजार के विकास में सहायक होगा। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के बजट में कहा कि बाजरा एक ऐसा मोटा अनाज है जो लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी लाभदायक होता। इसके लिए 1442 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

औद्योगिक इकाइयों के लिए 1442 करोड़ रुपए का प्रावधान  

हरियाणा सरकार ने अबकी बार सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में 1442 करोड़ों रुपए का प्रावधान किया है, जोकि पिछले वर्ष से 88।25 प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने बजट में कहा कि बाजरे के लिए एक बाजार के विकास को सक्षम करेगा और बाजरा उत्पादक किसानों की आय बढ़ाने में सहायता करेगा। बाजरे की फसल की कुल लागत 1268 रूपये प्रति क्विंटल आती है। जबकि पिछले वर्ष खुले बाजार में बाजरा 1300 से 1800 प्रति क्विंटल की बिक रहा था। मार्केट में कम रेट होने के कारण सरकार पर पूरा बाजरा MSP पर खरीदने का दबाव बना हुआ है।


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