Money Laundering Case : दिल्ली में सीबीआई और ईडी की कार्रवाई का आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार विरोध करती रही है। क्या अब ईडी के अत्याचार की नई कहानी सामने आई है।
दरअसल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब एक साल से तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन कंकाल जैसे दिखने लगे है। जैन के वकील ने अब बड़ा दावा किया है।
18 मई को सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जैन की स्वास्थ्य संबंधी समस्या को उठाते हुए कहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। वह कंकाल जैसे दिखने लगे हैं। उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि इस मसले पर विचार करने की जरूरत है।
वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर गुरुवार को ईडी से जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ में अपील कर सकते हैं।
जैन से वकील ने एससी से क्या कहा
दिल्ली सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि, 'दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन का वजन 35 किलोग्राम घट गया है, वह कंकाल जैसे दिखाई देने लगे हैं। वह कई तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं'। अधिवक्ता एएम सिंघवी के इस अनुरोध पर शीर्ष अदालत ने कोई तारीख तो नहीं दी, लेकिन उनसे कहा कि सत्येंद्र जैन राहत के लिए अवकाशकालीन पीठ के सामने मामला रख सकते हैं।
ED ने जमानत याचिका का किया विरोध
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने पहले की तरह जैन की ओर ये दायर जमानत याचिका का विरोध किया। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने धन शोधन मामले में जैन की जमानत याचिका 6 अप्रैल को खारिज कर दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गवाहों के दावे को गंभीरता से लेते हुए कहा कि जैन कथित अपराध के मुख्य साजिशकर्ता यानी मास्टरमाइंड थे। हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में ये भी कहा था कि आप नेता जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जो सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने में सक्षम हैं, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दिया जा सकता।
जैन के खिलाफ 5 साल पहले दर्ज हुआ था केस
बता दें सीबीआई द्वारा 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। एफआईआर के आधार पर उन्हें धन शोधन मामले में करीब एक साल पहले गिरफ्तार किया गया था। साल 2022 में निचली अदालत ने ईडी द्वारा जैन, उनकी पत्नी और चार फर्मों सहित आठ अन्य के खिलाफ धन शोधन मामले में दायर आरोप पत्र को संज्ञान में लिया था।
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