Modi surname Defamation Case : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से मंगलवार को बड़ा झटका लगा है। 2019 के मोदी सरनेम मानहानि मामले में हाईकोर्ट ने कोई अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया। राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और दोष सिद्धि पर रोक लगाने की मांग की थी।
जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक ने उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा कि फैसला गर्मी की छुट्टियों के बाद सुनाया जाएगा। यानी अब राहुल गांधी को करीब 5 हफ्ते इंतजार करना पड़ेगा। चार जून के बाद अदालत उनकी याचिका पर अपना आदेश सुना सकती है।
पूर्णेश मोदी के वकील ने पढ़ा राहुल गांधी का सावरकर वाला वक्तव्य
मंगलवार को जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक की पीठ के सामने शिकायकर्ता पूर्णेश मोदी की तरफ से वकील निरुपम नानावटी पेश हुए। उन्होंने दलील रखी कि राहुल गांधी कोर्ट ने अयोग्य नहीं ठहराया है। बल्कि वे कानून के तहत अयोग्य हुए हैं। उन्होंने पीठ के सामने उस रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें राहुल गांधी ने कहा कि था कि वे गांधी हैं, सावरकर नहीं जो माफी मांगें। वह सजा, जेल जाने से भी डरने वाले नहीं हैं। यह उनका सार्वजनिक स्टैंड है, लेकिन कोर्ट में अलग स्टैंड है।
नानावटी ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ कुल 12 मामले मानहानि के हैं। वे एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के नेता हैं, जिसने देश पर 40 साल तक शासन किया है। उन्होंने सॉरी भी नहीं कहा, उनकी ओर से कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया। आवेदन को खारिज किया जाना चाहिए।
राहुल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने रखी दलील
राहुल गांधी की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। उन्होंने मामले में अंतरिम सुरक्षा मांगी। लेकिन जस्टिस प्राच्छक ने राहुल गांधी को अंतरिम सुरक्षा देने से इंकार कर दिया और दोषिसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। कहा कि छुट्टी के बाद फैसला सुनाया जाएगा।
सजा के बाद छिनी थी सांसदी
सूरत की अदालत ने 23 मार्च राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस मामले में शिकायकर्ता सूरत से भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी हैं।
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