Haryana News : आम आदमी पार्टी हरियाणा ने मौजूदा सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
आम आदमी पार्टी ने खुलासा करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के ऑफिस में प्रिंसिपल ओएसडी नीरज दफ्तुआर का नाम करोड़ों के भ्रष्टाचार संतलिप्त होने का दावा किया है।
दरअसल, उन्होंने सीएमओ में प्रिंसिपल ओएसडी के पद पर रहते हुए करोड़ों की जमीन अपने परिवार के नाम करा दी। रातों-रात एएनए रियल लोजिस्टिकस एलएलपी कंपनी खड़ी कर दी गई। 12 दिनों में इस कंपनी को 9 एकड़ जमीन का सीएलयू जारी कर दिया ।
साथ ही सीएलयू जारी होने से ठीक दो दिन पहले करोड़ों की ये कंपनी नीरज दफ्तुअर की पत्नी अनुपम दफ्तुआर और बेटे आदित्य दफ्तुआर के नाम महज 75 लाख रुपए में कर दी गई।
मुख्यमंत्री की नाक के नीचे भ्रष्टाचार
यह सभी आरोप आम आदमी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ये सब मुख्यमंत्री की नाक के नीचे कैसे हुआ?
उन्होंने कहा कि लोग समझ चुके हैं कि खट्टर सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार है। इस मामले की सीबीआई और ईडी से जांच करने की भी मांग की गई।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रिंसिपल ओएसडी रहे हैं नीरज दफ्तुआर
उन्होंने कहा कि नीरज दफ्तुआर साल 2016 में हरियाणा में भाजपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल के प्रिंसिपल ओएसडी के तौर पर नियुक्त हुए और अक्टूबर 2022 तक इस पद पर रहे। उनके कार्यकाल के दौरान जारी हुए सभी सीएलयू की जांच होनी चाहिए।
दफ्तुआर परिवार को फायदे पहुंचाने के आरोप
उनकी पत्नी अनुपम दफ्तुआर और बेटे आदित्य दफ्तुआर को नौ एकड़ जमीन का विशाल टुकड़ा और एक कंपनी कौड़ियों के भाव कैसे सौंप दी गई।
मामले को जहां सीधे तौर पर दफ्तुआर परिवार को फायदे पहुंचाने के लिहाज़ से पहले एक कंपनी बनायी गई, उसके जरिए ज़मीन खरीदी और फिर इसे दफ्तुआर परिवार के हवाले कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि 24 फरवरी 2022 को एएनए रियल लोजिस्टिक्स एलएलपी कंपनी बनाई है। जिसके डायरेक्टर सिद्धार्थ लांबा और आशीष चांदना बने।
यह कंपनी 24 मार्च 2022 को झज्जर जिले के बादली तहसील के खालिकपुर गांव में 9 एकड़ जमीन 2 करोड़ 73 लाख रुपये में एक प्राइवेट कंपनी द्वारा संचालित मॉडल इकनॉमिक टाऊनशिप लिमिटेड (एमईटी) से खरीदती है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 45 करोड़ रुपये है।
सीएम इस मामले में दे जवाब
इस जमीन के लिए 15 अप्रैल 2022 को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में सीएलयू के लिए आवेदन किया और मात्र 12 कामकाजी दिनों में वेयरहाउस का लैंडयूज़ मिल गया है। जिस काम में कई महीनों तक लगते हैं, यहां ये काम का मात्र 12 दिनों में हो जाता है।
इससे इस मामले में बहुत बड़े भ्रष्टाचार और सीएम ऑफिस की मिलीभगत के संकेत मिलते हैं। उन्होंने सीएम खट्टर से जवाब मांगते हुए कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले में जवाब दें।
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