Haryana News : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सोमवार को पुलिस अधिकारियों से कहा कि उन अधिकारियों/जांच अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए जिनके मामले एक साल से अधिक समय से लंबित हैं। इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विज सोमवार को चंडीगढ़ में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में एक साल से अधिक समय से 3,229 मामले लंबित हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि यदि किसी व्यक्ति के विरुद्ध 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं तो उसकी सूची तैयार कर उसे उपलब्ध करायी जाये।
SIT का किया गया गठन
उन्होंने कहा कि राज्य में आव्रजन धोखाधड़ी करने वालों के मामलों से निपटने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। 17 अप्रैल को, नवगठित एसआईटी को पिछली एसआईटी से 332 लंबित मामले प्राप्त हुए, जबकि 68 मामले अब नए दर्ज किए गए।
बैठक में विज ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 दिन के अंदर इमीग्रेशन एजेंसियों के लिए नियम बनाएं।
कहां कितने पेंडिंग केस
जिलावार कानून व्यवस्था की समीक्षा में अंबाला में 77, भिवानी में 45, चरखी-दादरी में 13, फरीदाबाद में 140, फतेहाबाद में 54, जीआरपी अंबाला कैंट में एक, गुरूग्राम में 981, हांसी में 27, हिसार में 106, झज्जर में 132, जींद में 62, कैथल में 39, करनाल में 100, कुरूक्षेत्र में 94, महेन्द्रगढ में 38, नूंह में 165, पलवल में 292, पंचकूला में 114, पानीपत में 37, रेवाडी में 98, रोहतक में 151, सिरसा में 177, सोनीपत में 83 और यमुनानगर में 203 मामले एक साल से लंबित हैं।
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