नई आबकारी नीति का उद्देश्य 29 फरवरी, 2024 के बाद शराब की बोतल में पीईटी बोतलों के उपयोग को बंद करना है। नई नीति के तहत हरियाणा में अब शराब 5% महंगी होगी वहीं बीयर 10% सस्ती होगी।
इसके साथ ही 400 करोड़ रुपए के लक्षित संग्रह के साथ खुदरा परमिट शुल्क लगाया गया है। इस राशि का उपयोग पर्यावरण और पशु कल्याण के लिए किया जाएगा। वहीं यह भी बता दें कि पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिए लाइसेंस शुल्क को कम किया गया।
राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा घटी
वहीं नई आबकारी नीति में राज्य में खुदरा शराब के ठेकों की अधिकतम संख्या की सीमा को क्रमश: 2022-23 में 2600 से घटाकर 2500 तथा 2023-24 में 2500 से 2400 कर दिया गया है।
यहाँ नहीं खुलेगी शराब की दुकान
इसी के साथ लोक कल्याण की दृष्टि से एक और बड़ा फैसला लेते हुए यह निर्णय लिया गया है कि पंचकूला में श्री माता मनसा देवी मंदिर के आस-पास अधिसूचित पवित्र क्षेत्रों तथा जिन गांवों में गुरुकुल चल रहे हैं, वहां शराब के ठेके नहीं खोले जाएंगे। वर्तमान नीति में, अधिक से अधिक प्रतिभागियों को ई-निविदा के माध्यम से शराब की दुकान के लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अनुमति देने के लिए खुदरा शराब बिक्री जोन का आकार भी चार से घटाकर दो कर दिया गया है।
देशी शराब के मूल कोटे में वृद्धि
नई नीति में देशी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब (बीआईओ) के मूल कोटे में बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही देशी शराब और आईएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में भी मामूली वृद्धि की गई है। अल्कोहल की कम मात्रा वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने के लिए रेडी टू ड्रिंक बेवरेजेज और बीयर पर माइल्ड और सुपर माइल्ड कैटेगरी के तहत एक्साइज ड्यूटी घटा दी गई है। इसके अलावा, पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिए लाइसेंस शुल्क को और कम कर दिया गया है।
जुर्माने के प्रावधान सख्त
थोक लाइसेंसधारियों द्वारा शराब की चोरी पर अंकुश लगाने के लिए जुर्माने के प्रावधान कड़े किए गए हैं और लाइसेंसधारक द्वारा सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शराब प्रचार के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
बार व पब के बाहर लगेंगे सावधानी बोर्ड
आबकारी लाइसेंस के तहत शराब परोसने वाले सभी होटलों, पब और बार, रेस्तरां और कैफे के बाहर सावधानी बोर्ड प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा, कर्मचारियों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों, सराय और थोक लाइसेंसधारियों के लिए भी सभी खुदरा विक्रेताओं के लिए अग्निशमन उपकरण स्थापित करना अनिवार्य होगा। उपरोक्त सभी दुकानों/गोदामों में सीसीटीवी भी लगाए जाएंगे।
कांच की बोतलों में ही मिलेगी शराब
पर्यावरण के अनुकूल उपाय के रूप में नई नीति में 29 फरवरी-2024 के बाद शराब की बोतल में पीईटी (प्लास्टिक की) बोतलों के उपयोग को बंद किया गया है। इसके बाद शराब केवल कांच की बोतलों में ही मिलेगी।
नई आबकारी नीति के मुख्य बिंदू
- नई नीति में देसी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब और आयातित विदेशी शराब के मूल कोटे में बढ़ोतरी की।
- देसी शराब और आइएमएफएल पर उत्पाद शुल्क की दरों में वृद्धि हुई है।
- पब कैटेगरी (एल-10ई) यानी केवल बीयर और वाइन के उपभोग के लिए लाइसेंस शुल्क को कम किया गया।
- थोक लाइसेंसधारियों द्वारा शराब की चोरी पर अंकुश के लिए जुर्माने की राशि बढ़ाई गई।
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