Haryana News : हरियाणा में चुनावी साल जैसे-जैसे नज़दीक आ रहा है वैसे-वैसे खट्टर सरकार ने अपने काम को तेज़ कर दिया है और जनता को कुछ राहत देना शुरु कर दिया है। एक तरह से यह चुनावी दांव भी कह सकते है।
पहले पेंशनर्स को राहत फिर 55 गंभीर बीमारियों के लिए पेंशन का ऐलान ने लोगों को काफ़ी राहत दी है। वहीं अब सरपंचों और पंचों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश सरकार ने सरपंचों को हर महीने मिलने वाले मानदेय को 3 हजार से बढ़ाकर 5 हजार रुपए कर दिया है।
वहीं पंचों का मानदेय भी एक हजार से बढ़ाकर 1,600 रूपए कर दिया गया है। अपने आदेश में सरकार ने कहा है कि भविष्य में सरपंचों और पंचों का मानदेय महंगाई भत्ते के अनुसार बढ़ता रहेगा।
16 मार्च को सरकार ने किया था ऐलान
विकास एवं पंचायत विभाग ने सरपंचों व पंचों के मानदेय में वृद्धि का लिखित आदेश जारी कर दिया है। सरपंचों के मानदेय में दो हजार जबकि पंचों के मानदेय में 600 रूपए की बढ़ोतरी की गई है। बता दें कि ई-टेंडरिंग प्रणाली का विरोध कर रहे प्रदेश भर के सरपंचों को मनाने के लिए सीएम मनोहर लाल ने 16 मार्च को मानदेय में बढ़ोतरी की घोषणा की थी।
सरपंचों के अधिकार में बढ़ोतरी
सरपंचों व पंचों के मानदेय में बढ़ोतरी के साथ ही हरियाणा सरकार ने पंचायतों में एक साल की अवधि में पांच बार 5-5 लाख रुपए तक के विकास कार्य बगैर ई-टेंडरिंग से कराने के अधिकार भी दिए गए थे।
सरपंचों को 5 लाख से ज़्यादा खर्च करने का अधिकार
वहीं पांच लाख रुपए से अधिक के कार्य ई-टेंडरिंग प्रणाली के माध्यम से ही होंगे और सभी कार्यों की असेसमेंट पोर्टल पर ही ई-मेजरमेंट बुक में इंद्राज की जाएगी। जल्द ही सरपंचों को ग्राम सचिव की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में अपनी टिप्पणी दर्ज करने की भी पावर मिलेगी।
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