इसके अलावा म्यांमार के रखाइन राज्य की राजधानी सितवे के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई। 130 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाएं घरों की छतों पर पड़ी टिनशेड को उड़ा ले गईं। एक टेलीकॉम टावर भी गिर गया है।
एक दशक बाद खाड़ी में बना शक्तिशाली तूफान
म्यांमार में बचाव सेवा दलों की ओर से कहा गया है कि चक्रवाती तूफान के कारण हुए भूस्खलन से दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि स्थानीय मीडिया ने म्यांमार में पेड़ गिरने के बाद एक व्यक्ति की मौत की सूचना दी।एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक 6 लोगों की मौत और 700 लोगों के घायल होने की सूचना सामने आई है। अल जजीरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक दशक बाद बंगाल की खाड़ी में इतना शक्तिशाली तूफान बना है। सितवे शहर की सड़कों पर नदियों की तरह पानी बह रहा है।
इन शहरों में भारी नुकसान, घरों की छत उड़ीं
म्यांमार के सैन्य सूचना कार्यालय की ओर से कहा गया है कि चक्रवाती तूफान ने सितवे, क्यौकप्यू और ग्वा टाउनशिप में घरों, बिजली के ट्रांसफार्मर, मोबाइल टावरों, नावों और लैम्पपोस्ट को नुकसान पहुंचाया है।
कहा गया है कि तूफान ने देश के सबसे बड़े शहर यांगून से लगभग 425 किमी (264 मील) दक्षिण पश्चिम में कोको द्वीप पर खेल भवनों की छतें भी गिरा दीं।
देश के पूर्वी शान राज्य के एक बचाव दल ने अपने फेसबुक पेज पर घोषणा की कि उन्होंने एक जोड़े के शव बरामद किए हैं, जो भारी बारिश के कारण तचिलीक टाउनशिप में उनके घर पर भूस्खलन के कारण दब गए थे।
मजबूत इमारतों में लोगों को ठहराया
बचाव दलों द्वारा सितवे के 3,00,000 निवासियों में से 4,000 से ज्यादा लोगों को अन्य शहरों में ले जाया गया है। 20,000 से ज्यादा लोग मठों, पगोडा और शहर के ऊंचे इलाकों में स्थित स्कूलों जैसी मजबूत इमारतों में ठहरे हैं। जहां स्वयंसेवी लोग उनकी मदद कर रहे हैं।
म्यांमार के बाद कमजोर हुआ तूफान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ म्यांमार के ऊपर से गुजरने के बाद कुछ कमजोर हो गया। ये प्रक्रिया लगातार हो रही है। अनुमान है कि अगले कुछ घंटों में यह एक चक्रवाती तूफान ही बन जाएगा।
द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में तूफान आने से पहले लगभग 3,00,000 लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दिया था।
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