Arvind Kejriwal House : दिल्ली के सीएम अरिवंद केजरीवाल पर इन दिनों विपक्ष हमलावर है। मामला है उनके सरकारी निवास के रिनोवेशन का। एक टीवी चैनल के किए गए खुलासे के बाद से बीजेपी और कांग्रेस दिल्ली में केजरीवाल पर लगातार हमला बोल रही है।
जहां एक और बीजेपी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने आवास के सौंदर्यीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए थे। अब कांग्रेस नेता ने दावा किया है कि केजरीवाल के बंगले पर 45 करोड़ नहीं बल्कि 171 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
कांग्रेस का दावा केजरीवाल के आवास पर 171 करोड़ खर्च
कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर खर्च की गई राशि 171 करोड़ रुपये थी, न कि 45 करोड़ रुपये। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि उनकी सरकार को अधिकारियों के लिए अतिरिक्त फ्लैट खरीदने पड़े, जिनके घरों को विस्तार के लिए मुख्यमंत्री आवास परिसर में कई निर्माण को गिराना पड़ा या खाली करना पड़ा।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने केजरीवाल पर बनावटी सादा जीवन जीने और अपने आवास पर करोड़ों खर्च करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके उलट दिल्ली में सादगी की मिसाल उनकी पार्टी की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित हैं।
अजय माकन ने लगाया बड़ा आरोप
माकन ने आरोप लगाया, "शीला दीक्षित की पूरी कैबिनेट ने अपने शासन के 15 वर्षों में अपने घरों पर जितना खर्च किया, वह अरविंद केजरीवाल द्वारा अपने महल के नवीनीकरण पर खर्च की गई राशि के बराबर भी नहीं है।घर पर खर्च किए गए 171 करोड़: माकनउन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के आवास पर खर्च की गई राशि 45 करोड़ रुपये नहीं बल्कि 171 करोड़ रुपये थी और वह भी कोविड महामारी के समय जब लोग अस्पताल में बिस्तर और ऑक्सीजन की कमी की वजह से इधर-उधर भाग रहे थे।
उन्होंने कहा, "मैं समझाऊंगा कि 171 करोड़ रुपये कैसे खर्च किए गए। माकन ने बताया कि केजरीवाल के आधिकारिक आवास के बगल में चार निवास परिसर हैं। इन चार निवास परिसरों में कुल 22 अधिकारियों के फ्लैट हैं।'' उन्होंने कहा कि 22 में से 15 को या तो खाली करा दिया गया या फिर ध्वस्त कर दिया गया। वहीं बाकी बचे 7 को फिर से आवंटित नहीं करने का निर्देश दिया गया है।
माकन ने आरोप लगाया कि इन फ्लैटों की भरपाई के लिए केजरीवाल सरकार ने कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में 126 करोड़ रुपये की लागत से टाइप 5 के 21 फ्लैट खरीदे हैं।
21 फ़्लैटों की क़ीमत जितनी
कांग्रेस नेता ने कहा, "इसलिए इन 21 फ्लैटों की कीमत को केजरीवाल के आवास पर खर्च की गई कुल लागत में भी शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि यह उनके आवास के विस्तार के कारण जरूरी था।"
माकन ने यह भी कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला है क्योंकि सरकार ने बजट तो पास करा लिया लेकिन केजरीवाल के आवास के नवीनीकरण का कोई जिक्र नहीं किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि नवीनीकरण की वजह से दिल्ली की विरासत, हरियाली के साथ-साथ मास्टर प्लान की भी अवहेलना है।
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