कल का बारिश का मौसम : मार्च का महीना इस बार किसानों के लिए काल बनकर आया है। ख़ासकर के हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी के कुछ ज़िलों और दिल्ली एनसीआर के लिए। इस समय किसानों की फसल पक कर एक दम तैयार है। लेकिन मौसम ने ऐसी करवट ली है कि ज़्यादातर ज़िलों में गेहूं की फसल ओलों और बारिश से ख़राब हो गई। लगातार मौसम में बदलाव के चलते किसानों की बचीकुची फसल के लिए चिंता सता रही है।
अब मौसम विभाग की और से एक बार फिर अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की और से कहा गया है कि 3 अप्रैल को फिर से आसमाँ से आफत का पानी बरसेगा। खेतों में गेहूं की फसल पक कर तैयार है, कुछ स्थानों पर कटाई भी शुरू हो गई है, ऐसे में हर तीसरे दिन बदलता मौसम किसानों की नींद उड़ाए है।
मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) चंडीगढ़ ने हरियाणा में 3 अप्रैल के लिए एक बार फिर से येलो अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों में अधिकतम तापमान 2 से 4 डिग्री तक वृद्धि होगी। 2 अप्रैल को मौसम साफ रहेगा, लेकिन रात को ही इसमें बदलाव शुरू हो जाएगा। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण 3 अप्रैल को पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम तक बारिश दर्ज होगी। सोनीपत और पानीपत में कुछ स्थानों पर ओले गिरने की भी संभावना है।
4 अप्रैल को जीटी रोड बेल्ट के अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र के साथ पंचकूला व यमुनानगर में तेज हवाएं चलने और गरज चमक के साथ बारिश या फिर बूंदाबांदी जारी रहेगी। अभी 31 मार्च को रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ की तरफ तेज बारिश के साथ जबरदस्त ओले गिरे हैं। किसान फसलों में नुकसान को देख कराह रहे हैं, अब 3 अप्रैल को इन जिलों में भी आफत की बारिश फिर से होने की जानकारी मौसम विशेषज्ञों ने दी है।
मार्च में सामान्य बारिश से 176 फ़ीसदी ज़्यादा
हरियाणा में बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 30 व 31 मार्च को सबसे ज्यादा बारिश पलवल में दर्ज हुई है। इसके बाद महेंद्रगढ़ का नंबर है। मार्च में प्रदेश में औसतन 42 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है। यह मार्च महीने में सामान्य बारिश से 176 फीसदी अधिक है। मार्च के अंतिम पखवाड़े में 15 दिन में से 7 दिन बारिश के रहे हैं।
अब अप्रैल के आरंभ में भी बारिश की गतिविधि जारी है। 3 अप्रैल को 30 से 50 किलोमीटर रफ्तार से हवाएं चलेंगे। कुछ स्थानों पर गरज चमक के साथ बूंदाबांदी होगी, वहीं पानीपत-सोनीपत में 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार के साथ मध्यम से तेज बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है।
बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। 30-40 प्रतिशत तक उत्पादन गिरने के आसार हैं। सरकार के क्षतिपूर्ति पोर्टल पर करीब 7 से 8 लाख एकड़ में नुकसान के दावे किसानों की ओर से दिए गए हैं। इनकी क्रॉस चैकिंग हो रही है। बारिश अभी जारी रहती है तो गेहूं के दाने की चमक कम होगी और ये काला भी पड़ सकता है। मौसम की वजह से प्रति हेक्टेयर 5 क्विंटल तक पैदावार घटने की आशंका जताई जा रही है।
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