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Haryana Political News :अनिल विज का बयान, कहा- ‘ऑस्ट्रेलिया में हूं लेकिन फील किसी हरियाणा के शहर की आ रही’

Haryana Political News : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि भारत बदल रहा है और भारत करवट ले रहा है, भारत ने अब अंगड़ाई ली है, भारत को पंख लग रहे हैं और भारत अब उड़ना चाहत…

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Haryana Political News : हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि भारत बदल रहा है और भारत करवट ले रहा है, भारत ने अब अंगड़ाई ली है, भारत को पंख लग रहे हैं और भारत अब उड़ना चाहता है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित बनाने का संकल्प लिया है।

विज ने कहा कि मैं पिछले 3 दिन से यहां ऑस्ट्रेलिया में हूं, लेकिन मुझे यह नहीं लगा कि मैं ऑस्ट्रेलिया में हूं, मुझे लग रहा है कि मैं हरियाणा के किसी दूसरे शहर में आया हूं, क्योंकि आप लोगों का अपार सहयोग और प्यार मुझे मिल रहा है।

विज ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में प्रवासी भारतीयों व ‘एसोसिएशन आफ हरियाणवी इन ऑस्ट्रेलिया’ के सौजन्य से आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

भारत को विकसित करने का संकल्प लिया

विज ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब देश के किसी प्रधानमंत्री ने विकसित देश बनाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया है कि साल 2047 तक भारत भी विकसित देशों की श्रेणी में आकर खड़ा हो जाए। भारत के साथ जो देश आजाद हुए, वह देश भारत से आगे निकल गए, लेकिन अब भारत उनको पछाड़ना चाहता है।

विज बोले, प्रत्येक भारतीय अपने देश को महान बनाने में दे योगदान विज ने कहा कि हमारा फर्ज बनता है कि हम अपने देश को महान व एक नंबर बनाने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में जितनी अच्छी तरह से आप लोग आपस में जुड़े हुए हैं। आप सभी लोगों ने गीता के प्रचार-प्रसार के लिए ऑस्ट्रेलिया में जो काम किया है, उसकी जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है।

अपनी विरासत और जड़ों को नहीं छोड़ना

विज ने कहा कि आप लोगों ने ऑस्ट्रेलिया में रहते हुए अपने धर्म और संस्कृति को नहीं छोड़ा है, क्योंकि जड़ों को छोड़कर पेड़ सूख जाते हैं। अपनी जड़ों को कभी नहीं छोड़ना चाहिए। कहा कि जब मैं ‘एसोसिएशन ऑफ हरियाणावी इन ऑस्ट्रेलिया’ के पदाधिकारी सेवा सिंह के घर गया तो इन्होंने हरियाणावी संस्कृति के अनुरूप अपने घर में मंजे/खाट, मुढे और हुक्का को रखकर बैठक बनाई हुई है जो वहां पर आने वालों को यह याद कराता है कि हमारी विरासत, जड़े क्या है और हम किस तौर-तरीकों व ढंग से रहते हैं।

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