Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी गलियारों में आवाज़ तेजी होने लगी है। अभी से हरियाणा तमाम पार्टियों ने अपनी रणनीति बनानी शुरु कर दी है। राज्य में अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में सभी पार्टियां अपना गठजोड़ लगाने में जुट गई है।
आपको बता दें कि मौजूदा समय हरियाणा बीजेपी और जेजेपी के गठबंधन की सरकार है। ऐसे में दोनों पार्टियाँ फ़िलहाल गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने की बात तो कर रही है लेकिन क्या ऐसा होगा। हाल ही में पूर्व विधायक और बीजेपी नेता प्रेमलता गठबंधन को लेकर जो बयान दिया है उसके बाद से जेजेपी और बीजेपी नेताओं के बीच एक तरह से जंग शुरु हो गई है।
अब पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह ने मंगलवार को नई दिल्ली में भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब से मुलाकात की। पूर्व डिप्टी स्पीकर और भाजपा महिला मोर्चा की प्रभारी संतोष यादव ने भी प्रदेश प्रभारी से मुलाकात की।
बीरेंद्र सिंह जिस तरह से मुखर हो रहे हैं और डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि मुलाकात के दौरान बीरेंद्र सिंह ने भाजपा और जजपा गठबंधन को लेकर भी चर्चा की होगी। बीरेंद्र सिंह शुरू से इस गठबंधन के खिलाफ रहे हैं। हालांकि गठबंधन का फैसला राष्ट्रीय स्तर पर हुआ। दोनों पार्टियों का गठबंधन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में उनकी सहमति से हुआ था।
क्या अपना गढ़ बचाने के लिए बीरेंद्र सिंह गठबंधन तोड़ना चाहते है?
बीरेंद्र सिंह लगातार कई बार उचाना कलां से विधायक रहे हैं। उनकी पत्नी प्रेमलता भी यहां से विधायक रह चुकी हैं। वर्तमान में उचाना कलां से डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। दुष्यंत ने उचाना के लिए कई अहम विकास परियोजनाओं को मंजूरी दिलवाई है। दुष्यंत आगे भी इसी सीट से चुनाव लड़ने के मूड में हैं। अगर दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ती हैं तो ऐसी स्थिति में बीरेंद्र सिंह परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ऐसे में जेजेपी समर्थकों का कहना है कि बीरेंद्र सिंह सिर्फ़ अपने गढ़ को बचाने के लिए ऐसा कर रहे है।
बीरेंद्र सिंह का दुष्यंत चौटाला पर बार-बार हमला
बीरेंद्र सिंह ने पिछले कुछ दिनों से दुष्यंत चौटाला के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोला हुआ है। विकास के मुद्दे पर भी वे दुष्यंत को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं। इस लिहाज से बीरेंद्र सिंह की प्रभारी से हुई मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि बीरेंद्र सिंह ने प्रदेश प्रभारी को सलाह दी है कि वे भाजपा व जजपा के भविष्य के गठबंधन पर पुनर्विचार करें। बता दें कि हिसार से भाजपा सांसद एवं बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह भाजपा को सलाह दे चुके हैं कि भविष्य में भाजपा को जजपा के साथ बिना गठबंधन के चुनाव लड़ना चाहिए।
बीरेंद्र सिंह भाजपा में अपने परिवार को मिलने वाले टिकटों को भी परिवारवाद से अपवाद के रूप में मानते हैं। उनका कहना है कि हमारा परिवार राजनीति में अलग है। इसलिए यदि उनके बेटे, उनकी पत्नी को भाजपा के टिकट मिलते हैं तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। गठबंधन पर बीरेंद्र सिंह व दुष्यंत चौटाला के साथ ही दिग्विजय के बीच भी कई बार तनातनी हो चुकी है।
तो टूट जाएगा गठबंधन?
राजनीति के जानकार मानते है कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव बीजेपी अकेली लड़ेगी। भले ही अभी गठबंधन की बात पर क़ायम हो लेकिन जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आएँगे वैसे-वैसे दोनों पार्टियों में खट्टास बढ़ती जाएगी। जानकार तो ये भी बताते है कि बीजेपी हरियाणा की राजनीति में बढ़ा खेल करने वाली है। 2023 के आख़िर में हो सकता है कि जेजेपी नेताओं के यहाँ सीबीआई और ईडी के रेड पड़े और पार्टी एक दम से बिखर जाए। जिस वजह बीजेपी के साथ जेजेपी हाँ में हाँ भर रही है।
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