Scheme End Today in Haryana : इन योजनाओं का फायदा उठाने का आज आखिरी मौका, ये स्कीम हो जाएंगी बंद, पढ़ें



Scheme End Today in Haryana : कल यानी एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में इसी साल के साथ ही कई योजनाएं भी समाप्त हो जाएंगी। जिनका लोग लाभ उठा सकते हैं। 

इन योजनाओं का इच्छुक लोग इनका फायदा उठा सकते हैं। ताकि कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े। लोगों को प्रॉपर्टी टैक्स के ब्याज पर छूट दी गई है। जिसके लिए लोगों को बकाया प्रॉपर्टी टैक्स एक मुश्त में भरना होगा। 

31 मार्च तक एक मुश्त में बकाया संपत्ति कर एक मुश्त में भरने पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी। जिसका लोग फायदा उठाकर डिफाल्टरों की लिस्ट से निकल सकते हैं। वहीं बकायदारों पर सख्ती के संकेत भी दिए हैं।

अग्निपथ योजना के तहत आवेदन

अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायु सेना में अग्निवीर वायु के पद के लिए अविवाहित भारतीय पुरुष व महिलाओं से 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए है।

अग्निवीर वायु पद पर चयन के लिए 20 मई से ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू होंगी। इसके लिए 26 दिसंबर 2002 एवं 26 जून 2006 (दोनों तिथि शामिल) के बीच जन्मे उम्मीदवार पात्र होंगे। पंजीकरण एवं परीक्षा के लिए 250 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है।

बकाया बिलों के भुगतान के लिए ब्याज माफ़ी योजना

उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा बिजली के बकाया बिलों के भुगतान के लिए ब्याज माफी योजना चलाई गई है। जिसके तहत 31 मार्च तक शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के उपभोक्ता चालू व कटे हुए कनेक्शन के लिए भी बिल भर सकते हैं। 

जिन्हें ब्याज माफी का लाभ मिलेगा। योजना का लाभ केवल वहीं उपभोक्ता उठा सकते है, जो 31 दिसंबर 2021 को डिफाल्टर थे तथा 31 अगस्त 2022 तक डिफाल्टर है।

किसानों से एकीकृत पैकहाउस स्थापित करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान 31 मार्च तक एसएफएसी हरियाणा डॉट इन/रेजिस्टर पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।

ऐसे आवेदनकर्ता जिन्होंने पहले आवेदन किया है। उन्हें पुन: आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है, परंतु वांछित दस्तावेज 31 मार्च तक पूर्ण करने होंगे।

एकीकृत पैकहाउस

बागवानी में सब्जी व फल से किसान कमाई कर सकते है। लेकिन बागवानी में सब्जियों की तोड़ाई के बाद उसे सुरक्षित रखना व उसकी ग्रेडिंग व पैकिंग करना किसी चुनौती से कम नहीं है।

ऐसे में एकीकृत पैकहाउस किसानों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। पैक हाउस में किसान अपने फल व सब्जी खेत से निकालकर सुरक्षित रख सकता है, ताकि जब बाजार में उपज के दाम अधिक बढ़ जाएं तब उसे बेचकर अच्छे भाव का लाभ ले सकें।


योजना के तहत उत्पदान स्थल पर 20 गुणा 30 फुट साइज का एक कंकरीट का ढांचा तैयार की जाता है। इसके लिए लेंटर की छत व पक्का फर्श होने के साथ-साथ शटर भी लगा होना चाहिए। इ

स ढांचे के निर्माण पर अनुमानित साढ़े 3 से 4 लाख रुपए तक की लागत आती है। योजना के तहत सरकार द्वारा एक लाख 65 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है।


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