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Haryana E-Tendring Clash : सीएम आवास का घेराव करने जा रहे 4 हजार सरपंचों पर केस, लाठीचार्ज में सैंकड़ो घायल

पंचकूला: हरियाणा क़रीब आठ साल बाद पंचायती राज के चुनाव हुए और गावों को लंबे समय के बाद उनका मुखिया मिला। लेकिन सरकार ने गाँव के विकास के लिए E-Tendring में एक लिमिट सेट कर दी…

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पंचकूला: हरियाणा क़रीब आठ साल बाद पंचायती राज के चुनाव हुए और गावों को लंबे समय के बाद उनका मुखिया मिला। लेकिन सरकार ने गाँव के विकास के लिए E-Tendring में एक लिमिट सेट कर दी जिससे सरपंचों में रोष है। पिछले क़रीब दो महीने से इसे हटाने को लेकर सरपंच हरियाणा सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलनरत है। हालाँकि सरकार साफ़ कह चुकी है कि वो E-Tendring रद्द नहीं करेगी।

बुधवार को CM आवास घेराव के लिए जा रहे सरपंचों पर पंचकूला में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 100 से ज़्यादा सरपंच घायल हो गए हैं। वहीं पंचकूला पुलिस ने देर रात 4 हजार सरपंचों के खिलाफ IPC की 10 धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। इधर, सरपंचों ने भी चंडीगढ़-पंचकूला बॉर्डर पर ही पक्का धरना लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।


बुधवार को क्या हुआ?

E-Tendring के विरोध में प्रदेश भर से सरपंच पंचकूला के शालीमार ग्राउंड में सुबह 11 बजे से एकत्र होना शुरू हुए। दोपहर 1 बजे लगभग 5 हजार की संख्या में सरपंचों ने चंडीगढ़ के लिए कूच किया। दो बजे के करीब वह शालीमार ग्राउंड से रवाना हुए। 3 बजे के करीब सभी सरपंच हाउसिंग चौक बॉर्डर पर पहुंचे, जहां चंडीगढ़ कूच के दौरान सरपंचों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई।


सरपंचों और सरकार के बीच नहीं बनीं बात

प्रदर्शन कर रहे सरपंचों को सूचना मिली कि सरकार वार्ता के लिए तैयार है। इसके बाद 3:30 बजे सरपंचों का प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ के लिए रवाना हुआ। हालांकि मुलाकात नहीं होने पर सरपंच वापस आ गए। 4 बजे के करीब ओएसडी भूपेश्वर दयाल पहुंचे, लेकिन बात नहीं बन सकी और वह वापस लौट गए।

ऐेसे बिगड़ी बात

करीब दो घंटे के दौरान दो बार वार्ता विफल होने के बाद सरपंचों ने फिर से प्रदर्शन शुरू किया। हालात बेकाबू होने पर पंचकूला पुलिस ने 4.30 बजे प्रदर्शन कर रहे सरपंचों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें 100 से अधिक सरपंच घायल हो गए। रात लगभग 11 बजे पंचकूला पुलिस ने सरपंचों के खिलाफ 147/148/149/323/332/353/325/186/188/283 के तहत मामला दर्ज कर लिया।

ये सरपंचों की 5 मुख्य मांगे

राइट-टू-रिकॉल एक्ट सबसे पहले MP व MLA पर भी लागू होना चाहिए अन्यथा सरंपचों पर भी रद्द किया जाए। E-Tendring को तुरंत रद्द किया जाए। संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 अधिकार व बजट पंचायतों को डायरेक्ट दिया जाए। सरपंचों व पंचों का मानदेय बढ़ाया जाए। सरपंचों का मानदेय कम से कम 25000 रुपये व पंचों का मानदेय 15000 रुपये महीना किया जाए। विधायक व सांसद कई-कई लाख रुपये मानदेय ले रहे हैं अन्यथा सभी का रद्द किया जाए। सरपंच का टोल टैक्स मुक्त किया जाए, क्योंकि गांव के कार्यों के लिए उन्हें इधर-उधर आना जाना लगा रहता है।

सरकार कर चुकी है इनकार

ई-टेंडरिंग को रद्द किए जाने की मांग को लेकर CM मनोहर लाल अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। CM कह चुके हैं कि इस नई व्यवस्था से गांवों में विकास कार्य सुचारु होंगे साथ ही पारदर्शिता भी आएगी। उनकी इस नई व्यवस्था की तारीफ हरियाणा दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं।


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