Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा में जेजेपी-बीजेपी गठबंधन को लेकर बड़ी ख़बर, तो इस वजह से टूट जाएगा गठबंधन
Haryana Assembly Election 2024 : हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। जहां एक और हरियाणा में गठबंधन की सरकार है वहीं अब गठबंधन को लेकर बीजेपी के अंदर खाने आवाज उठने लगी है कि बीजेपी को अब अकेले हरियाणा में चुनाव लड़ना चाहिए। हालांकि जेजेपी और बीजेपी के शीर्ष नेता ये कहते रहे हैं कि विधानसभा चुनाव 2024 दोनों पार्टियां मिलकर लड़ेंगी।
लेकिन हरियाणा में बीजेपी के कई नेताओं में इस गठबंधन को लेकर नाराज़गी साफ़ देखी जा सकती है। दरअसल जीजेयू में चार लोकसभा व 36 विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा बैठक में उचाना (जींद) से बीजेपी की पूर्व विधायक प्रेमलता ने गठबंधन पर खुलकर हमला बोला। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि डिप्टी सीएम के क्षेत्र में पिछले चार साल में कोई काम नहीं हुआ है। भाजपा को अगला लोकसभा व विधानसभा चुनाव अकेले दम चुनाव लड़ना चाहिए।
बीजेपी के पक्ष में है माहौल
पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह की पत्नी पूर्व विधायक प्रेमलता ने कार्यक्रम स्थल पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में भाजपा के पक्ष में माहौल है। अपने विधानसभा की चर्चा करते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि चार साल में हमारे क्षेत्र में विकास के लिए एक ईंट नहीं लगी। यहां तक कि हमने जो कार्य शुरू किए थे, वह भी आगे नहीं बढ़े। पूर्व विधायक ने कहा कि गांवों में महिला संगठनों में डिप्टी सीएम के प्रति नाराजगी है। पूर्व विधायक ने कहा कि महिलाएं अब जागरूक हो रही हैं। पंचायत में पढ़ी लिखी महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है।
बीजेपी के साथ ही रहेंगे कोई अलग पार्टी नहीं बनाएँगे
पूर्व केंद्रीय मंत्री विरेंद्र सिंह को लेकर अक्सर ही कयास लगाए जाते रहते हैं कि वे कई बार पार्टी लाइन से इतर कार्यक्रम भी आयोजित करते रहे हैं, इसलिए उनके भाजपा से अलग संगठन बनाने पर भी जब-तब चर्चा होती रहती है। इससे सबंधित पूछे गए सवाल पर पूर्व विधायक ने कहा कि पार्टी बनानी होती तो 20 साल पहले बना ली होती, अब 70 की उम्र में क्या अलग पार्टी बनाएंगे।
लोकसभा व विधानसभा चुनाव से पहले नए सुर से गरमाई सियासत
गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के परिसर में भाजपा के हिसार, भिवानी, सिरसा व कुरुक्षेत्र लोकसभा व इसके अधीन आने वाले 36 विधानसभा क्षेत्रों को लेकर चर्चा हो रही है। इसमें 2000 से अधिक शक्ति केंद्र प्रमुख अपने-अपने क्षेत्र में की उपलब्धियों, कमियों और भविष्य की योजनाओं को लेकर पहुंचे हैं। इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा अपने बूथ स्तर तक की तैयारियों को परखेगी। कार्यकर्ताओं को चुनावी साल को ध्यान में रखते हुए किए जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा।