Delhi Excise Policy Case : दिल्ली शराब नीति केस में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की ED और CBI जमानत मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई टल गई। अब CBI वाले केस में 24 मार्च और ED के केस में 25 मार्च को सुनवाई होगी। इस मामले में अब कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को भी नोटिस जारी किया है।
सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में क्या दलील दी?
मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने कोर्ट में दलीलें देते हुए कहा कि जब भी मनीष सिसोदिया को सीबीआई के सामने बुलाया गया तो वे जांच में शामिल हुए। मैं एक लोक सेवक हूं। इस मामले में दो और लोकसेवकों को आरोपी बनाया गया था और उन पर मेरे से अधिक गंभीर आरोप हैं लेकिन उन्हें पूछताछ के बाद बरी कर दिया जाता है।
फोन बदलने के मामले में तर्क देते हुए सीबीआई के वकील ने कहा कि एक ही तारीख को एक फोन बदले जाने का तथ्य जांच के लिए सीबीआई को भेजा गया था, यह महज संयोग है।
वहीं सीबीआई के वकील ने दलीलें देते हुए कहा कि सिसोदिया सरकार में इतने उच्च पद पर हैं कि वह आसानी से न केवल सबूतों को छिपा सकते हैं, बल्कि नष्ट भी कर सकते हैं।
सोमवार को कोर्ट ने सिसोदिया को फिर से 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया था। बता दें कि इस मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने 17 मार्च को सिसोदिया की रिमांड 22 मार्च तक के लिए ईडी को दे दी थी।
सीबीआई ने सिसोदिया को 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद 26 फरवरी गिरफ्तार किया था। 6 मार्च की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि सिसोदिया की और रिमांड की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ने उनकी दोबारा कस्टडी मांगी जा सकती है। इसके बाद सिसोदिया को 20 मार्च तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
3 मार्च तक कस्टडी में रहेंगे सिसोदिया
बता दें कि शराब नीति मामले में दोनों ही केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई और ईडी इस मामले की जांच कर रही हैं। फिलहाल सिसोदिया को 22 मार्च तक कस्टडी में हैं। सोमवार को कोर्ट में पेश करने के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 3 अप्रैल तक सीबीआई की कस्टडी में भेज दिया।
ईडी कर रही डेटा का विश्लेषण
बता दें कि सोमवार को सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कोर्ट को बताया कि LG की शिकायत के बाद सिसोदिया ने अपना फोन बदल दिया था। लेकिन एजेंसी ने फिर से उनके फोन का डेटा निकाल लिया है। फिलहाल एजेंसी सिसोदिया के ईमेल और फोन से मिले डेटा की जांच कर रही है।
ईडी के वकीन ने बताया कि सिसोदिया के सहायक विजय नायर इस पूरी साजिश को कोऑर्डिनेट कर रहे थे। इस घोटाले में सरकारी तंत्र और बिचौलिए समेत कई अन्य लोग शामिल है। इस मामले में अब तक 219 करोड़ रुपए के मनी ट्रेल का पता चला है।
टिप्पणियाँ