पंजाब में संभावनाओं का पता लगाने के लिए ’सस्टेनएबल इम्पैक्ट्स’ की टीम को पंजाब दौरे का न्योता
चंडीगढ़ : पंजाब को साफ़-सुथरी और ग्रीन ऊर्जा के उत्पादन में अगुणी राज्य बनाने के लिए पंजाब के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने म्युनिसिपल और खेती अवशेष से कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सी. एन. जी.) और कंप्रेस्ड बायोगैस (सी. बी. जी.) के उत्पादन का अध्ययन करने के लिए बेंगलुरु स्थित ‘‘सस्टेनएबल इम्पैक्ट्स’’ प्लांट का दौरा किया।
ज़िक्रयोग्य है कि ‘‘सस्टेनएबल इम्पैक्ट्स’’ बेंगलुरु आधारित दो स्टार्ट-अपज़, कार्बन मास्टर्ज़ और हासीरू डाला इनोवेशनज़ का सांझा उद्यम है। इनके पास कूड़ा प्रबंधन और कार्बन की निकासी पर नियंत्रण सम्बन्धी विशेष क्षमता और महारत है।
अमन अरोड़ा द्वारा बेंगलुरु स्थित ‘‘सस्टेनएबल इम्पैक्ट्स’’ प्लांट का दौरा
अमन अरोड़ा ने पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) के मुख्य कार्यकारी सुमित जारंगल और पेडा के डायरैक्टर श्री एम. पी. सिंह के साथ ‘‘सस्टेनएबल इम्पैक्ट्स’’ की टीम को राज्य का दौरा करके प्लांट लगाने की संभावनाओं का पता लगाने का न्योता दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार साफ़- सुथरी और ग्रीन ऊर्जा के उत्पादन और इसके अधिकतम प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए वचनबद्ध है।
प्लांट का दौरा करने के उपरांत अपना तजुर्बा सांझा करते हुये अमन अरोड़ा ने कहा कि इस तरह के प्रोजैक्ट पंजाब के शहरों, कस्बों और बड़े गाँवों में भी लगाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में खेती अवशेष के प्रचुर मात्रा में होने के कारण यह तकनीक न सिर्फ़ सी. बी. जी. और सी. एन. जी. के उत्पादन में और ज्यादा लाभदायक होगी बल्कि इससे जैविक खाद भी तैयार होगी, जिससे रासायनिक खादों के प्रयोग में भी कमी आयेगी।
अमन अरोड़ा ने ज़ोर देकर कहा कि शहरों में ठोस कूड़ा-कर्कट का यदि उचित ढंग के साथ निपटारा न किया गया तो कूड़े के पहाड़ खड़े हो जाएंगे, जिससे स्वास्थ्य और वातावरण के लिए बड़ी समस्याएं पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार इस चुनौती के साथ निपटने के लिए स्थायी हल ढूँढने के लिए अलग- अलग नीतियाँ, प्रोग्राम और प्रशासनिक रणनीतियां बनाने पर विशेष ध्यान दे रही है।