Punjab News: पंजाब सरकार ने भूजल सम्बन्धी अथॉरिटी की नयी हिदायतें लागू करने के लिए ज़िला स्तरीय कमेटियां बनाईं



चंडीगढ़:  पंजाब वॉटर रैगुलेशन एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (पी. डब्ल्यू. आर. डी. ए.) द्वारा जारी नयी हिदायतें लागू करने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से जल स्रोत विभाग के लिए ज़िला स्तरीय कमेटियों का गठन किया गया है। इन कमेटियों का नेतृत्व सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नर द्वारा किया जाता है जबकि कार्यकारी इंजीनियर (जल स्रोत) मैंबर सचिव हैं। इस कमेटी के सदस्यों में जल स्रोत से सम्बन्धित समूह ज़िला स्तरीय अधिकारी जैसे नगर निगम के कमिश्नर, म्युंसिपल कमेटी के कार्यकारी अधिकारी, ज़िला विकास एवं पंचायत अधिकारी, मंडल मृदा संरक्षण अधिकारी और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी शामिल हैं।


सरकारी प्रवक्ता ने आज यहाँ जानकारी देते हुये बताया कि अथॉरिटी और जल स्रोत विभाग ने भूजल सम्बन्धी नयी हिदायतें लागू करने के बारे जानकारी देने के लिए ज़िला स्तरीय कमेटीयों के समूह मैंबर सचिवों (कार्यकारी इंजीनियरों) के साथ पहली मीटिंग की। इन कमेटियों की तरफ से 1 फरवरी, 2023 से भूजल के खर्चों का भुगतान करने वाले बिना छूट वाले सभी उपभोक्ताओं के लिए इन निर्देशों को लागू किया गया है। हालाँकि उपभोक्ताओं को भूजल निकालने की इजाज़त के लिए आवेदन देने के लिए 3 महीने या इससे अधिक का समय दिया गया है, फिर भी उनको 1 फरवरी, 2023 से ही खर्चों का भुगतान करना होगा। इस सम्बन्धी विवरण अथॉरिटी की वैबसाईट https://pwrda.org पर दिए गए हैं।


डिजिटल वॉटर मीटर लगाना होगा ज़रूरी


प्रवक्ता ने आगे कहा कि उपभोक्ता ने ज़रूरी विशेषताओं वाला पानी का मीटर लगाया है या नहीं, इस सम्बन्धी जांच करने के लिए कमेटियां औचक निरीक्षण करेंगी। 1500 क्यूबिक मीटर प्रति महीना से कम भूजल निकालने वाले छोटे उपभोक्ता मकैनिकल वॉटर मीटर लगा सकते हैं, जबकि 1500 क्यूबिक मीटर प्रति महीना से अधिक भूजल निकालने वाले सभी उपभोक्ताओं को टैलीमैट्री के साथ एक डिजिटल वॉटर मीटर लगाना होगा। अथॉरिटी की तरफ से अपना ऑनलाइन पोर्टल स्थापित किया जा रहा है जो जल्द ही कार्यशील हो जायेगा और इसके साथ टैलीमैट्री वाले सभी डिजिटल वॉटर मीटर अपने आप ही वॉटर मीटर रीडिंग अथॉरिटी के ऑनलाइन पोर्टल को भेजे जा सकेंगे।


कमेटी उपभोक्ता द्वारा जमा करवाई जल संरक्षण स्कीमों का निरीक्षण भी करेगी। अथॉरिटी की तरफ से निरीक्षण और मंजूरी के उपरांत जल संरक्षण करने वाला उपभोक्ता 2.50 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर के बराबर जल संरक्षण क्रेडिट का हकदार होगा। जल संरक्षण स्कीमें उपभोक्ता की इमारत के अंदर या बाहर हो सकती हैं।


प्रमुख सचिव जल स्रोत कृष्ण कुमार ने सभी कार्यकारी इंजीनियरों को हिदायत की कि वे अथॉरिटी की नयी हिदायतों की सख़्ती से पालना को यकीनी बनाएं और अपनी मासिक प्रगति रिपोर्ट भेजें।


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