China Earthquake Today : चीन में 7.3 तीव्रता वाला तेज भूकंप, अभी जान माल के नुकसान की कोई ख़बर नहीं
नई दिल्ली: चीनी राज्य मीडिया के अनुसार, गुरुवार सुबह (23 फरवरी) को ताजिकिस्तान के साथ अपनी सीमा के पास चीन में झिंजियांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में 7.3 तीव्रता का भूकंप आया।
हालांकि, यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.8 थी और यह जमीन से 20 किलोमीटर (12 मील) नीचे था। यह मुर्गोब, ताजिकिस्तान से 67 किलोमीटर (41 मील) पश्चिम में था, जो पामीर पर्वत में कुछ हज़ार लोगों की आबादी वाली जिला राजधानी है।
चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार, गुरुवार को ताजिकिस्तान में 10 किलोमीटर की गहराई में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया।
अफगानिस्तान में दो बार हिली धरती
अफगानिस्तान में गुरुवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के यह झटके 18 मिनट के अंदर दो बार महसूस किए गए। पहली बार इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.7 मापी गई जबकि दूसरी बार भूकंप की तीव्रता पांच मापी गई। भूकंप अफगानिस्तान के फायजाबाद में सुबह 6 बजकर 7 मिनट और 6 बजकर 25 मिनट पर आया।
तजाकिस्तान में भूकंप
पहले झटके का केंद्र जमीन से 113 किलोमीटर और दूसरे का 150 किलोमीटर गहराई में था। इसके अलावा ताजिकिस्तान में मुर्गोब से 67 किमी पश्चिम में भी 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। USGS के मुताबिक, तजाकिस्तान में सुबह 6:07 बजे 6.7 तीव्रता का भूकंप आया।
ख़बरों के मुताबिक, भूकंप का असर चीन से सटे इलाकों तक हुआ है। इससे पहले भी अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 13 फरवरी की सुबह 6 बजकर 47 मिनट पर आए भूकंप की तीव्रता 4.3 थी। हालांकि, इसमें किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ था।
तुर्की-सीरिया में महाविनाश
आपको बता दें कि हाल में आए तुर्की-सीरिया में भूकंप ने क़रीब 50 हज़ार लोगों की जान ले ली। 7.6 तीव्रता के आए इस भूकंप से पूरी दुनिया सदमे है। तुर्की के शहर के शहर तबाह हो गए। अब तुर्की और सीरिया में राहत और सर्च ऑपरेशन जारी है।
भारत में भी आ सकता है ख़तरनाक भूकंप
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर एन पूर्णचंद्र राव ने यह चेतावनी जारी की है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी तुर्की जैसा भूकंप आ सकता है। उनकी इस वॉर्निंग ने लोगों की नींद उड़ा दी है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड में जमीन के अंदर ज्यादा स्ट्रेस बन रहा है और इस तनाव को खत्म करने के लिए एक बड़ा भूकंप आ सकता है।