BPL Ration Card Haryana : 9 लाख बीपीएल राशन कार्ड कटने के बाद भी बढ़े 3 लाख कार्ड, विधानसभा में हरियाणा सरकार



चंडीगढ़:  परिवार पहचान पत्र लागू होने के बाद से लगातार राशन कार्ड, बीपीएल राशन कार्ड धारकों के राशन कार्ड लिस्ट से नाम कट रहे है। लाखों लोगों के नाम बीपीएल राशन कार्ड कट गया है। लेकिन हरियाणा विधानसभा में बताया गया है कि 3 लाख से ज़्यादा बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़ी है। 


बादली विधायक कुलदीप वत्स के पीपीपी से जुड़े सवाल पर जवाब देने के लिए जब सीएम खड़े हुए तो उस समय भी यह स्पष्ट हो गया था कि परिवार की यूनिक आईडी के लिए शुरू किया गया पीपीपी मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सीएम ने स्वीकार किया कि कुछ गलतियां भी इसमें हो सकती हैं, लेकिन सभी को ठीक किया जाएगा। अभी तो शुरूआत है पीपीपी का दायरा और भी बढ़ाने के संकेत उन्होंने दिए।


सीएम ने सभी विधायकों का आह्वान किया कि पीपीपी से जुड़ी जितनी भी शिकायत हैं वे उन्हें दे, हर पर कार्रवाई होगी। अगर किसी स्तर पर जान-बूझकर गलती की है तो कार्रवाई भी होगी, लेकिन गलत लोगों को गरीबों की योजनाओं का लाभ नहीं लेने दिया जाएगा। मनोहर लाल ने किसानों की आय सीमा के अलावा नौ हजार रुपये सालाना बिजली बिल के फार्मूले में संशोधन करने के भी संकेत दिए।

वेरिफिकेशन में की जा रही है गड़बड़

कुलदीप वत्स ने आरोप लगाया कि आय वेरिफिकेशन में गड़बड़ की जा रही है। जिनकी सालाना आय 50 हजार रुपये है, उसे पंद्रह लाख दिखाया है। एनआईटी विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि चार साल की उम्र के बच्चों की भी आय पीपीपी में दर्शाई है। वत्स ने कहा कि अधिकारी पैसे लेकर फील्ड में काम कर रहे हैं। उन्होंने शिकायतों का एक बंडल हवा में लहराया। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के कहने पर उन्होंने अपनी सभी शिकायतें सीएम को सौंप दी।

सीएम ने कहा कि आधार कार्ड केवल व्यक्ति की पहचान है लेकिन पीपीपी से सरकार ने परिवार की यूनिक आईडी बनाई है। दो साल पहले शुरू हुआ यह प्रयोग कामयाब रहा है। विभिन्न राज्यों के अलावा विदेशों में भी इसकी तारीफ हो रही है। पीपीपी में 72 लाख से अधिक परिवार यानी 1 करोड़ 87 लाख से अधिक लोगों का डॉटा सरकार ने एकत्रित किया है। लोगों की आय वेरिफाई करने के लिए स्थानीय स्तर पर समितियां बनाई हुई हैं।

उन्होंने कहा कि पहले बीपीएल कैटेगरी में उन्हीं परिवारों को शामिल किया जाता था, जिनकी सालाना आय 1 लाख 20 हजार रुपये थी। सरकार ने इसे बढ़ाकर 1 लाख 80 हजार रुपये किया है। पीपीपी का फायदा यह हुआ कि 9 लाख 60 हजार से अधिक ऐसे परिवार सामने आए, जो गलत तरीके से बीपीएल सुविधाओं का लाभ ले रहे थे। परिवार पहचान-पत्र लागू होने के बाद 12 लाख 46 हजार से अधिक नये परिवारों को बीपीएल कैटेगरी में भी शामिल किया है।

इसलिए बीपीएल से कटा नाम


सीएम ने बताया कि 1 लाख 32 हजार ऐसे परिवार मिले हैं, जो इन्कम टैक्स रिटर्न भर रहे हैं, ऐसे में उनका नाम कटा है। 3 लाख 44 हजार परिवारों की सालाना आय 1 लाख 80 हजार से अधिक मिली है। 1 लाख 95 हजार ऐसे लोग हैं, जो प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं। 41 हजार 479 लोगों के नाम बीपीएल से इसलिए काटे गए हैं क्योंकि वे सरकारी या कांट्रेक्ट कर्मचारी थे। जिन किसानों की सालाना सेल 4 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें भी बीपीएल से बाहर किया है। 2119 सरकारी पेंशनर थे, जो बीपीएल कैटेगरी में थे। इसी तरह से उन परिवारों के नाम काटे हैं, जिनकी सालाना बिजली बिल 9 हजार रुपये से अधिक है।

दो फार्मूलों में होगा बदलाव


महम विधायक बलराज कुंडू ने चार लाख रुपये तक की फसल सेल करने वाले किसानों की आय 1 लाख 80 हजार से अधिक आंकने पर सवाल उठाए। इस पर सीएम ने कहा कि सरकार इसमें बदलाव कर सकती है। इस पर विचार चल रहा है। नौ हजार रुपये बिल वाले लोगों को भी बीपीएल से बाहर करने पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए। सीएम ने खुद ही कहा कि एक शिकायत आई कि वह प्रेस का काम करता है। ऐसे में उसका बिल तो अधिक आएगा ही। ऐसे में इस पर भी संशोधन किया जा सकता है।

3 लाख 41 हजार शिकायतें आईं


सीएम ने कहा कि बीपीएल कैटेगरी से नाम कटने के बाद सरकार के पास 3 लाख 41 हजार शिकायतें आई हैं। इनमें से 1 लाख 70 हजार शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। 1 लाख 64 हजार के लगभग शिकायतों पर कार्रवाई चल रही है। इसके लिए सर्वे करवाया जा रहा है। विपक्ष के हंगामे के बीच सीएम ने कहा, मैं दावा नहीं करता कि गलती नहीं हुई होगी, लेकिन गलतियों को ठीक किया जाएगा।

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