Punjab News: मान सरकार का दावा, राज्य में पहुंचाया हर घर पानी, सफाई में भी अव्वल


चंडीगढ़: जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने कहा है कि वर्ष 2022 के दौरान जहाँ पंजाब के 34 लाख से ज़्यादा ग्रामीण घरों को पीने वाले पानी की पाईपों के द्वारा सप्लाई देने का लक्ष्य हासिल किया गया है वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण ऐवार्डों में भी राष्ट्रीय स्तर पर मान-सम्मान हासिल किया है। उन्होंने कहा कि मान सरकार के पहले साल की ऐसी और बहुत सी प्राप्तियों को अगले 4 सालों में और बुलन्दियों पर लेजाया जायेगा।

जिम्पा ने कहा कि साल 2022 इस कारण भी अहम है क्योंकि मुख्यमंत्री ने अपना पद संभालते ही गाँवों से सरकार चलने का जो प्रण लिया था उस पर खरा उतरते हुये गाँव वासियों को सहूलतें देने की शुरुआत उनके घरों से ही की है। ज़िंदगी जीने के लिए सबसे अहम साफ़ पानी की सुविधा देने में पंजाब सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर यश अर्जित किया है। 34 लाख से ज़्यादा ग्रामीण घरों को पीने वाले पानी की पाईपों के द्वारा सप्लाई देने का लक्ष्य साल 2022 में ही पूरा कर लिया गया है जबकि राष्ट्रीय लक्ष्य साल 2024 तक पूरा करने का है।

इसी तरह आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों तक साफ़ पानी सप्लाई करने की योजनाओं को भी बड़े स्तर पर लागू किया गया है। पीने वाले पानी में फ्लोराइड की मात्रा को घटाने के लिए आइन एक्सचेन्ज तकनीक पर आधारित 16.77 करोड़ रुपए की लागत से 166 गाँवों में 192 कम्युनिटी वाटर प्यूरीफिकेशन प्लांट स्थापित किये गए हैं जिससे लोगों को पीने और खाना पकाने के लिए सुरक्षित और सेहतमंद पानी मुहैया करवाया जा सके। इसी तरह पंजाब की 5 डिवीजनों राजपुरा, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, अबोहर और गुरदासपुर डिविज़न नंबर 1 को भगवंत मान सरकार ने 34.44 करोड़ रुपए जारी किये हैं जिससे इन डिवीजनों के गाँव वासियों को साफ़ पीने योग्य नहरी पानी की सप्लाई की जा सके।

श्री आनन्दपुर साहिब में साल 1972 में जो सिवरेज डाला गया था उसे इस साल 8.73 करोड़ रुपए ख़र्च करके अपग्रेड किया गया है। इस सुविधा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध इस धार्मिक नगरी के निवासियों और श्रद्धालुओं की लम्बे समय से पैंडिंग माँग पूरी हो गई है। शहर का जो गंदा पानी गलियों, नालियों के द्वारा नदियों के पानी को दीषित करता था, वह बंद हो गया है।

जिम्पा ने बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2022 में पंजाब ने उत्तरी जोन में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इस इनाम के अंतर्गत भारत सरकार ने राज्य को 1 करोड़ रुपए की राशि से सम्मानित किया। इस सर्वेक्षण में इसके इलावा भी पंजाब ने 3 और अवार्ड हासिल किये जिनमें बायोग्रेडेबल कूड़ा प्रबंधन के अंतर्गत बनाई बाल पेंटिंग के लिए पहला इनाम जबकि प्लास्टिक कूड़े और गंदे पानी के प्रबंधन के लिए तीसरा स्थान हासिल किया।

इसके इलावा राज्य के 5.88 लाख घरों में शौचालय बनाये गये। इस साल राज्य के 750 गाँवों को खुले में शौच मुक्त पल्स घोषित किया गया और इनमें 45 गाँवों को तो मॉडल गाँवों का रुतबा हासिल हुआ। पंजाब के गाँवों को साफ़-सुथरा रखने के लिए कूड़ा प्रबंधन पर विशेष ज़ोर दिया गया है। 1256 गाँवों में ठोस कूड़ा प्रबंधन के प्रोजेक्टों के लिए 10.79 करोड़ रुपए जारी किये गए जबकि 1753 गाँवों में तरल कूड़ा प्रबंधन प्रोजेक्टों के लिए 39.77 करोड़ जारी किये गए हैं।

जल आपूर्ति और स्वच्छता मंत्री ने बताया कि गोबर धन स्कीम के अधीन सरकारी गौशालाओं में 19 मॉडल बायो गैस प्लांट प्रोजैक्ट स्थापित किये गए हैं जिससे गौशालाओं को वित्तीय लाभ हो रहा है। सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुये पंजाब के अलग-अलग गाँवों में 39.77 करोड़ रुपए की लागत के साथ 1894 सामुदायिक सैनेटरी कम्पलैक्सों का निर्माण किया गया।

जिम्पा ने कहा कि साल 2022 की सिर्फ़ 9 महीनों की उपलब्धियों को अगले 4 सालों में और आगे लेकर जाया जायेगा और पंजाब के गाँवों को हर तरह की सहूलतों से लैस करने के लिए पूरे सार्थक यत्न किये जाएंगे।
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