पंजाब पुलिस ने ख़ुद को गैंगस्टर बता कर फिरौती की फर्जी कॉल करने वाले ए. सी मकैनिक को किया गिरफ्तार

चंडीगढ़:  पंजाब पुलिस ने मोहाली स्थित फार्मास्यूटीकल कंपनी के मालिक को फिरौती के लिए फर्जी कॉल करने के दोष में ख़ुद को विदेश- आधारित गैंगस्टर बता कर कॉल करने वाले एक 20 साला ए. सी. मकैनिक को गिरफ्तार किया है।
 
यह जानकारी देते हुये पंजाब के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) गौरव यादव ने बुधवार को बताया कि मुलजिम की पहचान सूरज (20) निवासी मलोआ कॉलोनी, चंडीगढ़ के तौर पर हुई है, जिसको यहाँ के वेरका चौक से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह अपने साथी मनदीप सिंह (32) निवासी गाँव मांगेवाल श्री आनन्दपुर साहिब के साथ मोटरसाईकल पर फिरौती के पैसे वसूलने जा रहा था। पुलिस ने उक्त दोषियों के पास से दो मोबाइल फ़ोन और बिना नंबर प्लेट वाला एक काले रंग का सी. टी 100 मोटरसाईकल भी बरामद किया है।

शिकायतकर्ता, जोकि एस. ए. एस. नगर स्थित एक फार्मास्यूटीकल कंपनी का मालिक है, ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसको 30 दिसंबर, 2022 को एक व्यक्ति, जो ख़ुद को गैंगस्टर बता रहा है, ने फ़ोन करके उससे 30 लाख रुपए की फिरौती माँग की और समय पर फिरौती की रकम न देने की सूरत में उसको जान से मारने की धमकी दी।

डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि शिकायत के बाद एसएएस नगर के स्टेट स्पैशल ऑपरेशन सैल ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू कर दी और मुलजिम कॉलर सूरज को गिरफ्तार कर लिया, जो अपने सहयोगी मनदीप सिंह के वटसऐप नंबर का प्रयोग करके शिकार बनाऐ लोगों को कॉल कर रहा था। उन्होंने बताया कि दोषी सूरज ए. सी. मकैनिक के तौर पर काम करता है, जबकि उसका साथी मनदीप टैक्सी चालक है।

डीजीपी ने एक बार फिर लोगों को फज़ऱ्ी फिरौती के लिए कॉल से सचेत रहने के लिए सावधान किया और उन्होंने अपील की कि जब भी ऐसी कोई कॉल आए तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाये। पंजाब पुलिस की तरफ से ऐसे फिरौती के मामलों की ताज़ा जांच से यह बात सामने आई है कि ज़्यादातर ऐसे गैंगस्टरों के नाम पर की जा रही फिरौती कॉल कुछ अज्ञात अपराधियों का काम है, जिनका किसी गिरोह या गैंगस्टर के साथ कोई संबंध नहीं है।

इस सम्बन्धी और जानकारी सांझा करते हुये ए. आई. जी. एस. एस. ओसी. एस. ए. एस. नगर अश्वनी कपूर ने बताया कि प्राथमिक जांच से पता लगा है कि मुलजिम सूरज जब घरों, दुकानों या कंपनियों में ए. सी. की मुरम्मत करने जाता था तो अमीर लोगों को शिकार बनाने के लिए चुन लेता था और ऐसे बड़े रसूख़दार लोगों के विवरण नोट कर लेता था जिससे उनको यह प्रभाव दिया जाये कि उनकी गतिविधियों पर नजऱ रखी जा रही है, जिससे दोषी सूरज, पीडि़त को पैसा वसूलने के लिए आसानी से निशाना बना लेता था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने दोनों मोबाइल फोनों को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है जिससे यह पता लगाया जा सके कि क्या मुलजिमों ने किसी और व्यक्ति को भी फिरौती की कॉल की हैं।’’

बताने योग्य है कि, इस सम्बन्धी पुलिस स्टेशन एस. एस. ओ. सी. एस. ए. एस. नगर में भारतीय दंड संहिता की धारा 384 और 120बी के अंतर्गत एफआईआर नंबर 1 के अधीन केस दर्ज किया गया है।
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