पंजाब में साल 2022-23 के पहले सालाना बजट में चार नयी स्कीमें शामिल, जानें क्या क्या मिलेगा फायदा?

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के सभी जिलों में उपलब्ध सतही और भूजल के स्रोतों के उचित और प्रभावशाली प्रबंधन के लिए पूरी तरह यत्नशील है। इस दिशा में काम करते हुए पंजाब सरकार की तरफ से सतही और भूजल ...

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चंडीगढ़मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के सभी जिलों में उपलब्ध सतही और भूजल के स्रोतों के उचित और प्रभावशाली प्रबंधन के लिए पूरी तरह यत्नशील है। इस दिशा में काम करते हुए पंजाब सरकार की तरफ से सतही और भूजल को बचाने के लिए और इसके सर्वोत्त्म प्रयोग करने हेतु मार्च 2022 से अब तक 153.94 करोड़ रुपए का प्रयोग करके 44,487 हेक्टेयर भूमि को लाभ पहुँचाया गया है।

भू और जल संरक्षण और स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने अन्य विवरण देते हुये बताया कि राज्य में भूजल की बहुत ज़्यादा कमी है और 150 ब्लाकों में से 117 ब्लाकों को अत्यधिक दोहन का शिकार घोषित किया गया है। पंजाब सरकार कुदरती स्रोतों के उचित प्रयोग के लिए उचित गतिविधियों के साथ इन समस्याओं के हानिकारक प्रभावों को घटाने के लिए अलग-अलग प्रोग्रामों को लागू किया गया है।

डॉ. निज्जर ने कहा कि मौजूदा सरकार ने अतिरिक्त बजट उपबंध और समय-पर फंड जारी करके इस प्रोग्राम को बढ़ावा दिया है। साल 2022-23 के अपने पहले बजट में 100 प्रतिशत राज्य सरकार की सहायता से भूमिगत पाइपलाइन सिस्टम के प्रोजेक्टों के लिए किसानों को वित्तीय सहायता देने के साथ-साथ छोटे चैक-डैम, टोबों के पानी की सिंचाई के लिए प्रयोग और छतों पर बारिश के पानी को एकत्रित करने के प्रोजेक्टों के लिए 4 नयी स्कीमें शामिल की गई हैं।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मार्च 2022 से अब तक 76.87 करोड़ रुपए ख़र्च करके 22,485 हेक्टेयर क्षेत्रफल को लाभ पहुँचाने के लिए बहुत सी भू और जल संरक्षण गतिविधियां की गई हैं। 18,305 हेक्टेयर पर सिंचाई पानी के उचित प्रयोग के लिए भूमिगत पाइपलाइन सिस्टम के प्रोजेक्टों के निर्माण के लिए किसानों को तकनीकी और वित्तीय सहायता दी गई है। नहरी कमांड क्षेत्रों में सांझे प्रोजेक्टों पर 90 प्रतिशत सब्सिडी और ट्यूबवैल कमांड क्षेत्रों में निजी प्रोजेक्टों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी के लिए कुल 47.66 करोड़ रुपए का प्रयोग किया गया है।

मंत्री ने कहा कि 1953 हेक्टेयर क्षेत्रफल और अन्य ज्यादा प्रभावी माइक्रो इरीगेशन (ड्रिप्प और फव्हारा) सिंचाई सिस्टम अपनाने वाले किसानों को 80 प्रतिशत (छोटे/सीमांत/अनुसूचित जाति/महिला किसानों को 90 प्रतिशत) सब्सिडी के रूप में 8.28 करोड़ रुपए जारी किये गए हैं। नीम-पहाड़ी कंडी क्षेत्र में 523 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर जल एकत्रित, भूमि कटाव नियंत्रण, जीवन-रक्षक सिंचाई और कुदरती रिचार्जिंग के लिए 1.21 करोड़ रुपए ख़र्च करके 4 वाटर हारवैस्टिंग-कम-रिचार्जिंग स्ट्रक्कचरों का निर्माण किया गया है।

उन्होंने कहा कि सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एस. टी. पी.) से संषोधित जल की भूमिगत पाईपों के द्वारा 1409 हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई के लिए उचित प्रयोग के 7 प्रोजेक्टों का निर्माण पर 9.73 करोड़ रुपए ख़र्च किये गए हैं। 9.99 करोड़ रुपए ख़र्च करके 295 हेक्टेयर क्षेत्रफल और अन्य भू और जल संरक्षण गतिविधियां की गई हैं।

उन्होंने कहा कि सिंचाई स्कीमों को सही ढंग से लागू करने और कुदरती संसाधनों के सर्वोत्त्म प्रयोग करने के लिए भू और जल संरक्षण विभाग में 99 खाली पदों पर नयी भर्ती की गई है।

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कावेरी "द न्यूज़ रिपेयर" की एक समर्पित और खोजी पत्रकार हैं, जो जमीनी हकीकत को सामने लाने के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकार, जनहित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की झलक मिलती है। कावेरी का उद्देश्य है—सच्ची खबरों के ज़रिए समाज में बदलाव लाना और उन आवाज़ों को मंच देना जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। पत्रकारिता में उनकी पैनी नजर और निष्पक्ष दृष्टिकोण "द न्यूज़ रिपेयर" को विश्वसनीयता की नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।

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