कोलम्बो: श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक और आर्थिक संकट (Sri Lanka Crisis) के बीच आज राहत का दिन हो सकता है.
दरअसल नए राष्ट्रपति के लिए आज श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) में वोटिंग की जा रही है. नए राष्ट्रपति का चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि श्रीलंका में तत्कालिक राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को भारी विरोध के चलते इस्तीफा देना पड़ा था. उसके बाद आज सांसद नए राष्ट्रपति को चुनेंगे.
राष्ट्रपति पद के लिए तीन तरफा मुकाबले में कार्यवाहक राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे, दलस अलापेरुमा और वामपंथी नेशनल पीपुल्स पावर पार्टी के अनुरा कुमारा दिसानायके मैदान में हैं.
सत्तारूढ़ दल एसएलपीपी ने प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को खड़ा किया है. उन्हें इस दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा है लेकिन प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद वे भी अपना पद छोड़कर चले जाएं.
रनिल विक्रमसिंघे को कड़ा मुकाबले देने वालों में सत्तारूढ़ पार्टी के ही असंतुष्ट सांसद दलस अलापेरुमा का नाम है जिन्हें विपक्ष ने अपना समर्थन दिया है. नए राष्ट्रपति का कार्यकाल नवंबर 2024 में खत्म होगा. यानी नया राष्ट्रपति, गोटाबाया राजपक्षे के बचे हुए कार्यकाल को ही पूरा करेगा.
आज होने वाले मतदान में कुल 225 सांसद वोट करेंगे. किसी उम्मीदवार को जीतने के लिए आधे से ज्यादा मतों की जरूरत होगी. उम्मीद है कि नए राष्ट्रपति चुने जाने के बाद श्रीलंका की आर्थिक स्थिति थोड़ी बेहतर होगी. मौजूदा समय में लोगों को खाने के लाले पड़े हुए है. ऐसे में नए नेता के आने से हो सकता है हालात में सुधार हो.
ये होगी चुनाव की प्रक्रिया
राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवारों को निर्वाचित होने के लिए आधे से अधिक मतों की आवश्यकता होती है. यदि कोई इस सीमा को पार नहीं करता है, तो सबसे कम समर्थन वाले उम्मीदवार को हटा दिया जाएगा. फिर उसके मतों का वितरण दूसरी वरीयता के अनुसार किया जाएगा. यानी बचे हुए दो उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा.
देश छोड़कर भागे थे गोटाबाया
देश में अब तक के सबसे भीषण आर्थिक संकट (Sri Lanka Crisis) से निपटने में नाकाम रहने पर भड़के विरोध प्रदर्शनों के चलते देश छोड़कर भागे गोटाबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद नए राष्ट्रपति का चुनाव होगा.
एसएलपीपी के अध्यक्ष जी एल पीरिस ने मंगलवार को कहा कि सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के अधिकतर सदस्य इससे अलग हुए गुट के नेता अल्हाप्पेरुमा को राष्ट्रपति पद के लिए और प्रमुख विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा को प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने के पक्ष में हैं.
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