कोलंबो: श्रीलंका (Sri Lanka Crisis) में अभी विवाद थमा नहीं हैं. आर्थिक और राजनीतिक संकट अब भी बरकरार है. विवादों में घिरे वहाँ के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे शनिवार को राजधानी में स्थिति अपने आधिकारिक आवास छोड़ गए हैं.
AFP के मुताबिक़ को इस बात की जानकारी दी. इससे पहले कि टेलीविजन तस्वीरों में देखा गया कि प्रदर्शनकारियों ने नेता के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके आवास पर धावा बोल दिया था. ऐसे में खुद को खतरे में देख वो मौके से भाग निकले.
AFP को सूत्रों ने कहा है कि "राष्ट्रपति को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया." उन्होंने कहा कि गुस्साई भीड़ को राष्ट्रपति भवन पर हावी होने से रोकने के लिए सैनिकों ने हवा में गोलियां चलाईं.
प्रदर्शनकारियों ने आवास में जमकर बवाल काटा. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में दो पुलिसकर्मियों समेत कम से कम सात लोग घायल हो गए. हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को अवरुद्ध करने वाले पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दिया, जहां मार्च के अंत से राजपक्षे को रखा गया है, जब द्वीप-व्यापी विरोध प्रदर्शनों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
हाल ही में हटाया गया था कर्फ़्यू
श्रीलंका में शीर्ष वकीलों के संघ, मानवाधिकार समूहों और राजनीतिक दलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद पुलिस ने शनिवार को सरकार विरोधी प्रदर्शनों से पहले कर्फ्यू हटा लिया था. यह कर्फ्यू सरकार विरोधी प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोलंबो सहित देश के पश्चिमी प्रांत में सात संभागों में लगाया गया था.
पुलिस के मुताबिक पश्चिमी प्रांत में सात पुलिस संभागों में कर्फ्यू लगाया गया था जिसमें नेगोंबो, केलानिया, नुगेगोडा, माउंट लाविनिया, उत्तरी कोलंबो, दक्षिण कोलंबो और कोलंबो सेंट्रल शामिल हैं.
यह कर्फ्यू शुक्रवार रात नौ बजे से अगली सूचना तक लागू किया गया था. पुलिस महानिरीक्षक (IGP) सीडी विक्रमरत्ने ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा, ‘‘जिन क्षेत्रों में पुलिस कर्फ्यू लागू किया गया है, वहां रहने वाले लोगों को अपने घरों में ही रहना चाहिए और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.''
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