संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *

Delhi Assembly Monsoon Session: दिल्ली में विधायकों का बढ़ा वेतन, अब इतना मिलेगा वेतन, जानें

नई दिल्ली: दिल्ली में सोमवार से विधानसभा का मानसून सत्र (Delhi Assembly Monsoon Session) शुरू हो गया है . मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों , मंत्रियों…

चित्र


नई दिल्ली: दिल्ली में सोमवार से विधानसभा का मानसून सत्र (Delhi Assembly Monsoon Session) शुरू हो गया है. मंत्री कैलाश गहलोत ने सदन में विधायकों, मंत्रियों, चीफ व्हिप, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और लीडर ऑफ ऑपोजिशन के वेतन भत्ते में बढ़ोतरी का बिल मंत्री कैलाश गहलोत ने पेश किया


Delhi Assembly Monsoon Session में पेश किए नए प्रस्ताव के अनुसार, अब दिल्ली के विधायकों को सैलरी के रूप में हर महीने 12 हजार की जगह 30 हजार रुपए मिलेंगे. सैलरी के अलावा अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी हो रहे है. सैलरी और सभी भत्ते मिलाकर अब दिल्ली के विधायकों को हर महीने 90 हजार रुपए मिलेंगे, जो राशि अबतक 54 हजार रुपए थी

सैलरी को लेकर 5 बिल किए गए पेश

ग़ौरतलब है कि दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में अंतिम बार बढ़ोतरी 2011 में हुई थी. सैलरी में बढ़ोतरी से जुड़े कुल 5 बिल आज सदन (Delhi Assembly Monsoon Session) में पेश किए गए. इनमें मंत्रियों के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, सदन (Delhi Assembly Monsoon Session) के सदस्यों यानी विधायकों के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, चीफ व्हिप के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल, विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल और नेता प्रतिपक्ष के वेतन और भत्ते में संसोधन का बिल शामिल हैं

11 साल बाद बढ़ा विधायकों का वेतन


लगभग 11 साल बाद दिल्ली विधानसभा के सदस्यों और मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी हुई है. मई महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली के विधायकों-मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. 2015 में ही दिल्ली सरकार ने केंद्र को वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन तब वो मंजूर नहीं हुआ


इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से मिले सुझाव पर दिल्ली विधानसभा ने दोबारा वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे केंद्र ने मंजूर कर लिया और दिल्ली कैबिनेट ने भी इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी.


बीते 18 साल में 5 बार बढ़ी सैलरी


दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि 1993 में जब दिल्ली विधानसभा का गठन हुआ था, तब से लेकर 2011 तक 18 साल में 5 बार सैलेरी बढ़ी यानी हर साढ़े तीन साल में विधायकों की सैलरी बढ़ी. अब 11 साल बाद सैलरी बढ़ रही है.


किस राज्य में विधायकों की कितनी सैलरी है?


देश के सभी राज्‍यों में विधायकों को अलग अलग सैलरी मिलती है. इतना ही नहीं हर राज्य में अलग अलग भत्ते भी दिए जाते हैं. भारत में इस समय सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है. यहां विधायकों को भत्तों को मिलाकर हर महीने 2.50 लाख रुपये सैलरी मिलती है


हालांकि, तेलंगाना में विधायकों की सैलरी बस 20 हजार है, लेकिन भत्तों के तौर पर हर महीने 2,30,000 रुपये मिलते हैं. वहीं, सबसे कम सैलरी त्रिपुरा में विधायकों को मिलती है. यहां हर महीने 48 हजार रुपये सैलरी मिलती है


दिल्ली सरकार की ओर से जारी डेटा के मुताबिक, सबसे ज्यादा सैलरी तेलंगाना में मिलती है. इसके अलावा उत्तराखंड में विधायकों को हर महीने 1.98 लाख रुपये मिलते हैं. इसके अलावा हिमाचल में 1.90 लाख , हरियाणा में 1.55 लाख, बिहार में 1.30 हजार, राजस्थान में 1.42 लाख रुपये, आंध्र में 1,25,000 रुपये, गुजरात में 1,05,000 और उत्तर प्रदेश में 95,000 रुपये प्रति महीने सैलरी मिलती है.

आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं

टिप्पणियाँ