नई दिल्ली: इन दिनों उत्तर प्रदेश की राजनीति गर्म है. पहले सीएम योगी के मंत्री की नाराज़गी अब समाजवादी पार्टी में चाचा-भतीजे के बीच गर्मा-गर्मी. दरअसल सपा कार्यालय की ओर से शिवपाल यादव और ओमप्रकाश राजभर को पत्र लिखा गया है. शिवपाल सिंह यादव को लिखा गया कि अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने को स्वतंत्र है.
सुहेलदेव समाज विकास पार्टी के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर को लिखा गया कि ‘आपका बीजेपी के साथ मजबूत गठजोड़ है और लगातार बीजेपी को मजबूत करने के लिए आप काम कर रहे हैं अगर आपको लगता है कि कहीं ज्यादा सम्मान है तो वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं.’
राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन पर हुआ विवाद
सुभासपा विधायक ओमप्रकाश राजभर और सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव को राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने पर अपना रास्ता अलग कर लेने की हिदायत दी है.
इस पत्र की एक प्रतिलिपि सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव और एक समाजवादी पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष को भी भेजी गई है. ओम प्रकाश राजभर यूपी की जहूराबाद विधानसभा सीट से विधायक हैं और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
चाचा शिवपाल यादव सपा से फिर होंगे अलग??
शिवपाल सिंह यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले अपनी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी को भंग कर दिया था. अखिलेश यादव के साथ मनमुटाव दूर होने के बाद उन्होंने सपा के चुनाव चिन्ह पर जसवंतनगर से इलेक्शन लड़ा था और जीते थे. सपा को चुनाव में 111 सीटें मिली हैं, जो पिछली बार से दोगुनी हैं, लेकिन वो बीजेपी को दोबारा सत्ता में आने से रोक नहीं पाए.
अखिलेश यादव के तलाक़ का स्वागत
सपा के पत्र के बाद ओम प्रकाश राजभर ने पलटवार किया है. राजभर ने कहा, 24 घंटे में सब साफ़ हो जायेगा, अखिलेश यादव के तलाक़ का स्वागत है. इन्होंने हमारी कोई बात नहीं मानी हार गए. हम किसी के ग़ुलाम नहीं हैं. इनके नवरत्न अपना बूथ तक नहीं जिता सकते. हम जल्द नई रणनीति का ऐलान करेंगे.
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