नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह दिया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा ( Kapil Sibal Rajya Sabha) के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है.
कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, "मैंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था."
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, "मैं अब कांग्रेस का वरिष्ठ नेता नहीं हूं."
श्सिब्बल ने विनाशकारी चुनावी हार की एक श्रृंखला के बाद पार्टी के पुनरुद्धार के रोडमैप पर चर्चा करने के लिए आयोजित कांग्रेस के विचार-मंथन सत्र के एक दिन बाद इस्तीफा दे दिया. उन्हें बड़ी बैठक से बाहर कर दिया गया था और अब वह कांग्रेस के सलाहकार समूहों का हिस्सा भी नहीं थे.
सिब्बल ने कहा "मेरा कांग्रेस से गहरा रिश्ता था. यह 30-31 साल के लिए था. यह कोई छोटी बात नहीं है. मैं राजीव जी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) की वजह से कांग्रेस में शामिल हुआ. आप सोच रहे होंगे, कोई कैसे छोड़ सकता है 31 साल बाद कांग्रेस. कुछ ऐसा होना चाहिए जो मेरे दिल को महसूस हो. कभी-कभी, ऐसे फैसले लेने की जरूरत होती है. लेकिन मेरी विचारधारा कांग्रेस की है. मैं कांग्रेस और उसकी विचारधारा से दूर नहीं हूं. मैं भावनाओं के साथ पार्टी के साथ हूं.“
उन्होंने आगे कहा ” हम सभी इस तथ्य से विवश हैं कि हम पार्टियों के सदस्य हैं और उस पार्टी के अनुशासन का पालन करना है, लेकिन एक स्वतंत्र आवाज होना जरूरी है. जब एक निर्दलीय की आवाज उठाई जाती है, तो लोग महसूस करेंगे कि वह है किसी अन्य पार्टी से जुड़ा नहीं है."
5 महीने में पाँच नेताओं कहा बाय बाय
भारतीय कांग्रेस को एक बाद एक लगाकर झटके लगते जा रहे है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार शीर्ष नेतृत्व से किनारा करते जा रहे है. कांग्रेस से पिछले पाँच महीनों में पाँच बड़े नेताओं ने साथ छोड़ दिया है. जिसमें से कपिल सिब्बल ताज़ा नेता है जिन्होंने पार्टी को अलविदा कहा है.
जाने माने वकील
कपिल सिब्बल, एक जाने-माने वकील, जिन्होंने पूरे स्पेक्ट्रम में राजनेताओं का प्रतिनिधित्व किया है और कभी कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हुआ करते थे.
पिछले काफ़ी समय से कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर विरोध करते रहे हैं. ख़ासकर राहुल गांधी के अध्यक्ष पद को लेकर. वे चाहते थे की कांग्रेस की कमान ग़ैर-गांधी परिवार के हाथ में हो.
सपा के समर्थन से जाएंगे राज्यसभा
सिब्बल का राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है. 2016 में, वह समाजवादी पार्टी द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गए. कांग्रेस के पास अब यूपी विधानसभा में सिर्फ दो विधायक हैं, इसलिए वह राज्य से किसी को राज्यसभा के लिए नहीं चुन सकती है.
समाजवादी पार्टी के पास 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में 111 विधायक हैं और वह तीन सदस्यों को संसद के ऊपरी सदन में भेज सकती है. भाजपा के 255 सदस्य हैं और वह आठ सदस्यों को राज्यसभा भेज सकती है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सिब्बल ने नामांकन पत्र दाखिल किया.
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में आजम खान का प्रतिनिधित्व किया था. आजम खान को दो साल जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया.
अखिलेश यादव ने कहा, "कपिल सिब्बल पहले व्यक्ति हैं जिन्हें हमने राज्यसभा चुनाव के लिए चुना है. दो और नामांकन जल्द ही घोषित किए जाएंगे."
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