दिल्ली बीजेपी अब राजधानी में इन सड़कों के नाम बदलेगी, जानें किस रोड का क्या नाम?
नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी की और से दिल्ली में गांवों और मार्गों (लड़कों) का नाम बदलने को लेकर मिशन जारी है. अब भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई ने सड़कों के नाम बदले जाने की मांग की है.
आज @tweetndmc के चेयरमैन को पत्र लिखकर मुगल काल से गुलामी के प्रतीक मार्गों के नाम बदलने की मांग की।
— Adesh Gupta (@adeshguptabjp) May 10, 2022
तुग़लक रोड - गुरु गोविन्द सिंह मार्ग
अकबर रोड - महाराणा प्रताप रोड
औरंगजेब - अब्दुल कलाम लेन
हुमायूँ रोड - महर्षि वाल्मीकि रोड
शाहजहाँ रोड - जनरल बिपिन सिंह रावत रोड pic.twitter.com/O7cZwKUgD8
दिल्ली बीजेपी प्रमुख आदेश गुप्ता ने स्थानीय निकाय NDMC को पत्र लिखकर तुग़लक रोड, अकबर रोड, औरंगज़ेब लेन, हुमायूं रोड तथा शाहजहां रोड के नाम बदले जाने की मांग की है.
आदेश गुप्ता ने सुझाव दिया है कि तुग़लक रोड का नाम बदलकर गुरु गोविन्द सिंह मार्ग, अकबर रोड का नाम महाराणा प्रताप रोड, औरंगज़ेब लेन का नाम अब्दुल कलाम लेन, हुमायूं रोड का नाम महर्षि वाल्मीकि रोड तथा शाहजहां रोड का नाम बदलकर जनरल बिपिन सिंह रावत रोड रखा जाना चाहिए.
दिल्ली BJP प्रमुख ने यह भी सुझाव दिया है कि बाबर लेन का नाम बदलकर स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस के नाम पर रखा जाना चाहिए.
कौन देगा मंज़ूरी?
इस तरह के बदलावों को नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) के एक पैनल द्वारा मंज़ूरी दी जाती है. स्थानीय निकाय NDMC के अधिकारक्षेत्र में मध्य दिल्ली की सड़कें आती हैं, और इसी क्षेत्र में शीर्ष सरकारी कार्यालय तथा राष्ट्रपति तथा प्रधानमंत्री के आवास भी आते हैं.
इस तरह के आग्रहों को NDMC काउंसिल के समक्ष रखा जाता है, जो 13-सदस्यीय निकाय है, जिसकी अध्यक्षता NDMC के अध्यक्ष ही करते हैं.
क्या कहते हैं नियम?
नियमों के अनुसार, नाम बदलने के अनुरोधों पर विचार करते समय इतिहास एवं भावनाओं के साथ-साथ यह भी देखा जाना चाहिए कि उक्त शख्सियत को इस प्रकार याद किया जाना ज़रूरी है या नहीं. परन्तु NDMC के नियमों के अनुसार, नाम बदलना अपवाद ही होना चाहिए.
साल 2014 में BJP के केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश जैसे BJP-शासित प्रदेशों में नामों को बदलने की कवायद ने काफी विवादों और बहस को जन्म दिया है.
साल 2015 में औरंगज़ेब रोड का नाम बदलकर पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर रख दिया गया था.
एक साल बाद ही प्रधानमंत्री आवास के लिए प्रसिद्ध रेसकोर्स रोड का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग रख दिया गया था.