हरियाणा में कृषि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल टेक्नोलॉजीज
चंडीगढ़: कृषि और किसान कल्याण विभाग राज्य में कृषि को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर कार्य कर रहा है. रिमोट सेंसिंग (आरएस), भौगोलिक सूचना प्रौद्योगिकी (जीआईएस), डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), ब्लॉक चेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आदि जैसे उभरती प्रौद्योगिकियों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए. कृषि क्षेत्र में, विभाग ने कृषि दक्षता, उत्पादकता और लाभ बढ़ाने के लिए बड़ी पहल की है.
कृषि और किसान कल्याण विभाग ने कृषि में इन प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोगों पर पायलट परियोजनाओं की शुरुआत की है और बाद में अगर ये पायलट सफल पाए जाते हैं, तो व्यापक स्तर पर अप-स्केल्ड और संचालन किया जाएगा इसलिए टी टोपी वाले किसानों को इन तकनीकों का लाभ मिल सकता है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, डॉ. सुमिता मिश्रा ने जानकारी दी कि फसल उपज और फसल नुकसान (खरबा) के आकलन के लिए उपग्रह/ड्रोन इमेजरी के साथ कृत्रिम इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा. कीट, खरपतवार और रोगों की निगरानी भी विभिन्न अंतराल पर अधिग्रहीत करने के लिए उपग्रह / ड्रोन छवियों का उपयोग करके योजना बनाई गई है.
हरियाणा में कीटनाशक/कीटनाशक/रासायनिक उर्वरकों के छिड़काव के लिए ड्रोन के उपयोग से सटीक खेती की अवधारणा को भी लागू किया जाएगा. ड्रोन को स्प्रे में कम समय की आवश्यकता होगी और बिना मानव स्पर्श के रसायनों का एकमुश्त छिड़काव किया जाएगा.
ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके खाद्य अनाज के स्रोत ट्रैकिंग के लिए एक और अध्ययन किया जाएगा, जो कृषि उपज की ब्रांडिंग, विपणन और बेहतर मूल्य की खोज में मदद कर सकता है.
15.80 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत में से, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने प्रारंभिक रूप से कृषि के लिए राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लान (एनईजीपी-ए) के तहत 8.29 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है राज्य में कृषि में f डिजिटल प्रौद्योगिकियां. परियोजना लागत केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा 60:40 पैटर्न में वहन किया जाना है.
निम्नलिखित 5 नई परियोजनाओं को विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डिजिटल तकनीकों आदि का उपयोग करके मंजूरी दी गई है. अर्थात् उपग्रह/ड्रोन इमेजिंग का उपयोग करके फसल उपज अनुमान, उपग्रह/ ड्रोन डेटा का उपयोग करके फसल क्षति (खराबा) आकलन, फसल कीट/कीट आकलन, ब्लॉक श्रृंखला का उपयोग करके आपूर्ति श्रृंखला की निगरानी और सटीक खेती (कीटनाशक/कीटनाशकों/फी का छिड़काव ड्रोन का उपयोग कर रटिलाइज़र).
हरियाणा पहला राज्य है जिसने इन पहलुओं को कवर करते हुए 5 परियोजनाओं को लिया है. हरियाणा सरकार द्वारा की गई इन पहल से निकट भविष्य में राज्य में कृषि में एक पैराडाइम बदलाव आने की संभावना है.