चीनी कंपनी Xiaomi India के 5,551 करोड़ रुपये ईडी ने ज़ब्त किए, लेनदेन में हेराफेरी का आरोप

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज भारतीय विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन पर चीनी स्मार्टफोन दिग्गज श्याओमी (Xiaomi Technology India Private Limited ) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ₹ 5,500 करोड़ से अधिक की राशि जब्त की है.  पहलगाम आतंकी ...

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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज भारतीय विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन पर चीनी स्मार्टफोन दिग्गज श्याओमी (Xiaomi Technology India Private Limited ) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ₹ 5,500 करोड़ से अधिक की राशि जब्त की है. 

Xiaomi India ब्रांड नाम जिसे MI भी कहा जाता जो देश में मोबाइल फोन का एक व्यापारी और वितरक है.

ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के प्रावधानों के तहत कंपनी के बैंक खातों से ₹ 5,551.27 करोड़ जब्त किए.

खबर तुरंत बाद, तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र पर हमला करते हुए कहा कि Xiaomi को “अपारदर्शी” PM CARES फंड में ₹ 10 करोड़ दान करने की अनुमति दी गई थी और उसी पर उनकी पार्टी के सवालों को संसद में नजरअंदाज कर दिया गया था.

वही Xiaomi ने अपारदर्शी PMCARES फंड में ₹10 करोड़ दान करने की अनुमति दी. लेकिन संसद में हमारे सभी सवालों पर जवाब नहीं दिया गया था. 

जांच एजेंसी ने कहा कि कंपनी ने 2014 में भारत में अपना परिचालन शुरू किया और 2015 में पैसा कमाना शुरू कर दिया था. इसने अब तक तीन विदेशी-आधारित संस्थाओं को ₹ 5,551.27 करोड़ के बराबर विदेशी मुद्रा प्रेषित की है, जिसमें रॉयल्टी की आड़ में एक Xiaomi समूह इकाई शामिल है.

ईडी ने कहा, “रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी रकम उनके चीनी मूल समूह की संस्थाओं के निर्देश पर भेजी गई थी.” अन्य दो यूएस-आधारित असंबंधित संस्थाओं को प्रेषित राशि भी कथित तौर पर Xiaomi समूह की संस्थाओं के अंतिम लाभ के लिए थी.

Xiaomi India ब्रांड नाम MI के तहत भारत में मोबाइल फोन का एक व्यापारी और वितरक है. यह भारत में निर्माताओं से पूरी तरह से निर्मित मोबाइल सेट और अन्य उत्पादों की खरीद करता है. ईडी ने कहा, “इसने उन तीन विदेशी-आधारित संस्थाओं से कोई सेवा नहीं ली है, जिन्हें इस तरह की राशि हस्तांतरित की गई है.”

समूह संस्थाओं के बीच बनाए गए विभिन्न असंबंधित दस्तावेजी पहलुओं की आड़ में कंपनी ने विदेश में रॉयल्टी की आड़ में इस राशि को प्रेषित किया जो फेमा की धारा 4 का उल्लंघन है.

फेमा के नागरिक कानून का उक्त खंड “विदेशी मुद्रा धारण करने” के बारे में है.ईडी ने कंपनी पर विदेशों में पैसा भेजते समय बैंकों को ‘भ्रामक सूचना’ देने का भी आरोप लगाया है.

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कावेरी "द न्यूज़ रिपेयर" की एक समर्पित और खोजी पत्रकार हैं, जो जमीनी हकीकत को सामने लाने के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी में सामाजिक सरोकार, जनहित और निष्पक्ष रिपोर्टिंग की झलक मिलती है। कावेरी का उद्देश्य है—सच्ची खबरों के ज़रिए समाज में बदलाव लाना और उन आवाज़ों को मंच देना जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं। पत्रकारिता में उनकी पैनी नजर और निष्पक्ष दृष्टिकोण "द न्यूज़ रिपेयर" को विश्वसनीयता की नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं।

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