लंबी, पंजाब: फसल के नुक़सान को लेकर हर्जाने की मांग कर रहे किसानों के एक समूह ने पंजाब के मुक्तसर जिले के लंबी में एक उप-तहसील कार्यालय के अंदर कथित तौर पर 12 सरकारी अधिकारियों को कई घंटों तक बंधक बनाकर रखा.
अधिकारी के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों द्वारा अधिकारियों को मुक्त करने से इनकार करने पर पुलिस की मदद से उन्हें सोमवार देर रात मुक्त कराया गया.
बंधक बनाए गए अधिकारियों में एक नायब तहसीलदार और कुछ पटवारी शामिल थे. ये किसान पिंक बॉलवर्म प्रजाति के कीटों से कपास की फसल को हुए नुकसान के लिये मुआवजे की मांग कर रहे थे. इस घटना के विरोध में प्रदेश भर के राजस्व अधिकारी मंगलवार को हड़ताल पर रहे.
पुलिस ने कहा कि एक कृषक संघ के बैनर तले 100 से अधिक किसानों के एक समूह ने सोमवार को लंबी में उप-तहसील के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी शाम को कार्यालय की इमारत में घुसे और अधिकारियों को आधी रात तक बंधक बनाए रखा.वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार मलिक ने कहा कि 12 सरकारी अधिकारियों को बंधक बना लिया गया.
एसएसपी ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और वहां के उपसंभागीय मजिस्ट्रेट ने उन्हें शांत करने की कोशिश की और उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए उच्च अधिकारियों के साथ बैठक का आश्वासन दिया.
मलिक ने मंगलवार को फोन पर बताया, “लेकिन वे अपनी बात पर अड़े रहे और अधिकारियों को देर रात तक बंधक बनाए रखा.”
उन्होंने कहा कि बंधक बनाए गए लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पुलिस को उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का निर्देश दिया.
मलिक ने इन खबरों का खंडन किया कि पुलिस ने अधिकारियों को मुक्त करने के लिए किसानों के खिलाफ बल प्रयोग किया था.
उन्होंने कहा, “हमने अधिकारियों को संयमित और शांतिपूर्ण तरीके से मुक्त कराया. कोई बल प्रयोग नहीं किया गया था. अधिकारियों को मुक्त करने के लिए जाने से पहले, हमने उनसे (किसानों) कई बार अनुरोध किया कि वे धरना दे सकते हैं, लेकिन सरकारी अधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाने के लिये बंदी नहीं बनाया जा सकता है.”
उन्होंने कहा कि बाद में अधिकारियों की लिखित शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई. मलिक ने कहा कि आठ से नौ लोगों और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
हालांकि, एक किसान नेता ने मंगलवार को लांबी में संवाददाताओं से कहा कि पुलिस ने बल प्रयोग किया और छह से सात प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं.
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