ज़रूर पढ़ें
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने तीन तलाक को लेकर एक और मास्टरस्ट्रोक खेला हैं। अपने मास्टरस्ट्रोक के तहत तत्काल तीन तलाक बिल के संसद में अटके रहने को देखते हुए अब सरकार इस पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश ला रही है। बताया जा रहा है कि अध्यादेश लाने की पूरी तैयारी हो चुकी हैं लेकिन अभी तक समय नहीं तय किया गया है।
बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस मामले पर विचार होना था, लेकिन किसी कारण टल गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार पहले ही इस बाबत विधेयक ला चुकी है।
आप को बता दें कि ये विधेयक लोकसभा से पारित होने के बाद राज्यसभा में अभी लंबित है।लंबित की वज़ह ये है कि विपक्ष इसमें कुछ संशोधन चाहता है।
दरअसल, तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है, लेकिन राज्यसभा में लंबित है, इसलिए सरकार ने अध्यादेश लाने की पूरी तैयारी कर ली है।
माना जा रहा है कि अध्यादेश में वही प्रावधान होंगे जो कि प्रस्तावित कानून और लोकसभा से पास हो चुके विधेयक में हैं। यानी तीन तलाक ग़ैर ज़मानती अपराध होगा और उसमें दोषी को तीन साल तक की जेल हो सकेगी।
अपराध ग़ैर ज़मानती होगा। इसके अलावा तीन तलाक से पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट की अदालत में गुज़ारा–भत्ता और नाबालिग बच्चों की कस्टडी की मांग कर सकती है।
आप को बता दें कि राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्षी दलों के यू टर्न लेने से बिल अधर में अटक हुआ है।
अब मोदी सरकार के तीन तलाक के ख़िलाफ़ तेवर सख्त हैं और इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है।
आप को बता दें कि तीन तलाक को अपारध घोषित कर इसके लिए सज़ा मुकर्रर करने संबंधी बिल को कानूनी अमली जामा पहनाने के लिए अगर विपक्षी दलों के रवैये में बदलाव नहीं आता है तो मोदी सरकार अध्यादेश लाने का मास्टरस्ट्रोक खेल सकती हैं।
Leave a Comment