टीएनआर, Ladakh
पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव के बीच सिक्किम में भारत और चीन की सेना के बीच झड़प हुई है. बताया जा रहा है कि तीन दिन पहले सिक्किम के ना कूला में चीनी सेना ने बॉर्डर की यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया था और उसके कुछ सैनिक भारतीय क्षेत्र में बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को रोक लिया.
तीन दिन पहले ना कूला में भारत और चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए, जिसमें चार भारतीय और 20 चीनी जवान घायल हुए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने एलएसी की यथास्थिति को बदलने की कोशिश की. उनके कुछ सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान भारतीय सैनिकों ने उन्हें रोक लिया. दोनों तरफ के सैनिक भिड़ गए.
भारतीय जवानों ने न केवल चीन के मंसूबों पर पानी फेरा बल्कि पीएलए के सैनिकों को भी खदेड़ दिया. फिलहाल सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण लेकिन स्थिर है. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय क्षेत्र के साथ सभी प्वॉइंट पर मौसम की स्थिति खराब होने के बावजूद कड़ी चौकसी बरती जा रही है.
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने पर नौवें दौर की वार्ता के दौरान करीब 16 घंटे तक विस्तृत चर्चा हुई. सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में बताया. उन्होंने कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता रविवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे शुरू हुई और यह सोमवार तड़के करीब ढाई बजे खत्म हुई. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की तरफ मोल्दो में यह बैठक हुई.
बैठक के नतीजों के बारे में पता नहीं चल पाया है. बातचीत के बारे में जानकारी रखने वालों के मुताबिक, भारत ने जोर दिया कि क्षेत्र में गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे ले जाने और तनाव कम करने की जिम्मेदारी चीन पर है. पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में करीब 50,000 भारतीय जवान तैनात हैं. अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है.